घर खरीदना हर किसी का सपना होता है. पाई -पाई जोड़कर लोग पैसा बचाते हैं ताकि परिवार के लिए एक आशियाना ले सकें. सरकार भी चाहती है कि आप घर खरीदें, इसीलिए वो होम लोन पर कई तरह की टैक्स छूट भी देती है. यानि होम लोन लेकर घर खरीदने से अगर एक तरफ आपका घर लेने का सपना पूरा होता है तो दूसरी तरफ आप बहुत सारा टैक्स भी बचाते हैं. हम यहां पर यही बताने जा रहे हैं. घर खरीदने से पहले आप इनके बार में जाने लेंगे तो सालाना 5 लाख रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं.
1. प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट
जो भी EMI आप होम लोन पर चुकाते हैं, उसके प्रिंसिपल पार्ट पर 80C के तहत टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
80C की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है, यानि हर साल आप 1.5 लाख रुपये तक की रकम 80C के तहत टैक्स के रूप में बचा सकते हैं. लेकिन इसके पहले शर्त ये है कि पजेशन मिलने के 5 साल तक आप इस प्रॉपर्टी को बेच नहीं सकते, नहीं तो जो भी डिडक्शन या छूट आपने इसके पहले ली है, वो सारी आपकी इनकम में जोड़ दी जाएगी.
2. हाउसिंग लोन के ब्याज पर टैक्स छूट
अगर आप किसी होम लोन की EMI चुका रहे हैं तो उसके दो हिस्से होते हैं, पहला इंटरेस्ट पेमेंट (interest payment) और दूसरा प्रिंसिपल रीपेमेंट (principal repayment)
इसमें इंटरेस्ट के हिस्से पर इनकम टैक्स के सेक्शन 24 के तहत छूट ले सकते हैं. इस पर सालाना 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.
मजे की बात ये है कि अगर आप उस घर में रह रहे हैं तो 2 लाख तक ही क्लेम कर सकते हैं, लेकिन अगर आपने उसे किराए पर दिया है तो जितना चाहें इंटरेस्ट पर छूट ले सकते हैं, इसकी कोई ऊपरी लिमिट नहीं है. मगर ये ध्यान रहे कि जो आपको किराया मिल रहा है वो इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी के दायेर में आएगा, जिस पर आपको टैक्स देना होगा. ये छूट आपको उस साल से मिलना शुरू होती है, जिस साल से कंस्ट्रक्शन खत्म हुआ हो.
3. कंस्ट्रक्शन के पहले ब्याज पर टैक्स छूट
ये सवाल कई लोगों के मन में आता है कि मान लीजिए आज हमने होम लोन लिया, लेकिन प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन आज से 3 या 4 साल बाद पूरा हुआ, तो क्या इस बीच हमने लोन पर जो ब्याज चुकाया उस पर डिडक्शन नहीं मिलेगा. क्योंकि सेक्शन 24 के तहत डिडक्शन उसी साल से मिलेगा जिस साल कंस्ट्रक्शन पूरा हुआ हो. तो इसका जवाब है कि आपको प्री कंस्ट्रक्शन के दौर में चुकाए गए ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलेगी, इसे प्री कंस्ट्रक्शन इंटरेस्ट कहा जाता है. इस दौरान आपने जो भी इंटरेस्ट चुकाया है आप उसे पांच बराबर हिस्सों में क्लेम कर सकते हैं. यानि हर साल 20 परसेंट क्लेम कर सकते हैं. लेकिन ये रकम भी 2 लाख रुपये सालाना से ज्यादा नहीं हो सकती, भले ही उसमें मौजूदा इंटरेस्ट जोड़ दिया जाए.
4. स्टैंप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन पर टैक्स छूट
घर खरीदने के हर मोड़ पर आपको टैक्स छूट का मौका मिलता है. घर की रजिस्ट्री और चुकाई गई स्टैंप ड्यूट को भी आप सेक्शन 80C के तहत क्लेम कर सकते हैं, इस पर आप 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. लेकिन ये उसी साल क्लेम की जा सकती है, जिस साल ये दोनों खर्चे किए गए हों, इसके बाद आप इसको क्लेम नहीं कर सकते हैं.
5. सेक्शन 80EE के तहत अतिरिक्त छूट
इसके अलावा आप इनकम टैक्स के सेक्शन 80EE के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट भी ले सकते हैं. लेकिन इसकी कुछ शर्तें हैं. पहली शर्त ये कि प्रॉपर्टी पर अधिकतम लोन 35 लाख या इससे कम होना चाहिए, और प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू 50 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ये लोन 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच मंजूर किया गया हो. ये आपका पहला घर होना चाहिए, इसके पहले आपके पास कोई दूसरा घर नहीं होना चाहिए. 80EE को सरकार ने दोबारा लॉन्च किया है, इसके पहले ये दो सला के लिए वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2014-15 में लाया गया था.
6. सेक्शन 80EEA के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट
2019 के बजट में सेक्शन 80EE के तहत होम लोन पर अतिरिक्त छूट का ऐलान किया गया था. इसमें घर खरीदारों को 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है. लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्ते हैं. पहली शर्त ये कि प्रॉपर्टी की कीमत 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए. दूसरी शर्त ये कि, होम लोन 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 के बीच मंजूर किया गया हो. तीसरी शर्त, ये घर खरीदार की पहली प्रॉपर्टी होनी चाहिए. साथ ही 80EE के तहत घर खरीदार को छूट नहीं मिल रही हो.
इसके अलावा आपको ओर किस तरह के लोन पर इनकम टैक्स कानून के तहत छूट मिल सकती है।
एजुकेशन लोन पर कर छूट का लाभ
एक साल के दौरान एजुकेशन लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है और इसकी कोई सीमा तय नहीं है। हालांकि, मूलधन के भुगतान पर टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलता है। ब्याज के भुगतान के पहले साल से लेकर लगातार आठ साल तक टैक्स छूट का लाभ हासिल किया जा सकता है। अगर आपने स्वयं, अपने स्पाउस या बच्चे की सीनियर सेकेंडरी के बाद की शिक्षा के लोन लिया हुआ है तो आपको टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकारी मान्यता वाले कोर्स के लिए ही आपको यह लाभ हासिल होगा। हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोर्स पार्ट टाइम है या फुल टाइम है। अगर आपने किसी वित्तीय संस्थान या स्वीकृत चैरिटेबल संस्था से लोन लिया है तो ही आपको टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा। रिश्तेदारों या दोस्तों से लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर आपको यह छूट नहीं मिलेगी। ज्वाइंट बॉरोअर होने पर पैरेंट्स को भी इसका लाभ मिल सकता है।
कार लोन
वेतनभोगी व्यक्ति को कार लोन के ब्याज पर किसी तरह के टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है। हालांकि, वाहन का इस्तेमाल अगर आपके बिजनेस या पेशे के लिए हो रहा है तो आप ब्याज के साथ व्यवसाय के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले मोटर कार के मूल्य में ह्रास को भी क्लेम कर सकते हैं।
पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर लोन इत्यादि
टैक्स नियमों के मुताबिक आपको पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर लोन पर टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं मिलती है। हालांकि, अगर पर्सनल लोन का इस्तेमाल मकान के मार्जिन मनी के भुगतान या फिर बिजनेस से जुड़ी संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है और अगर आप इसे साबित कर पाते हैं तो इस पर किए जाने वाले भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ आप हासिल कर सकते हैं। हालांकि, मेरी राय में इस तरह के पर्सनल लोन के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत लाभ नहीं लिया जा सकता है।
ऑनलाइन खरीददार सावधान लग चूकी है खातो में सेंध 2करोड़ लोगो का डाटा डार्क वेब पर
ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म बिग बास्केट (Bigbasket) के डेटा में सेंध लग गई है. हैकर्स ने प्लेटफॉर्म पर मौजूद 2 करोड़ से अधिक ग्राहकों की डिटेल्स को डार्क वेब पर डाल दिया है. इस संबंध में बेंगलूरू पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए कार्यवाही शुरू कर दी है. इससे ग्राहकों पर भी भविष्य में असर पड़ सकता है. अगर आप भी बिग बास्केट से शॉपिंग करते हैं तो अपनी महत्वपूर्ण डिटेल्स को बदल लें, ताकि किसी तरह का नुकसान आगे चलकर न हो.
Cyble ने दी जानकारी
साइबर इंटेलीजेंस कंपनी Cyble ने इस बारे में एक रिपोर्ट दी है जिसके आधार पर साइबर क्राइम सेल ने शिकायत दर्ज कराई थी. कंपनी ने कहा कि रूटीन वेब मॉनिटरिंग करते हुए रिसर्च टीम ने पाया कि बिगबास्केट का डेटाबेस साइबर क्राइम मार्केट में बेचने के लिए उपलब्ध है. ये डेटा 30 लाख रुपये (40 हजार डॉलर) में मिल रहा है. 15जीबी की SQL फाइल है.
ये जानकारियां हैं फाइल में मौजूद
इस डिटेल में यूजर्स का नाम, ई-मेल आईडी, पासवर्ड, फोन नंबर, पता, जन्म तिथि, लोकेशन और आईपी एड्रेस तक मौजूद है. हालांकि कंपनी ओटीपी के जरिए पासवर्ड भेजती है, जो हर बार बदल जाता है.
ग्राहकों की गोपनीयता प्राथमिकता
हालांकि बिगबास्केट ने कहा है कि कंपनी ने कहा कि ग्राहकों की गोपनीयता प्राथमिकता है और यह क्रेडिट कार्ड नंबर आदि सहित किसी भी वित्तीय डेटा को संग्रहीत नहीं करता है और विश्वास है कि यह वित्तीय डेटा सुरक्षित है. हमारे पास एक मजबूत सूचना सुरक्षा ढांचा है जो सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास संसाधनों और प्रौद्योगिकियों को रोजगार देता है. बिगबास्केट ने कहा कि हम अपनी जानकारी को प्रबंधित करते रहेंगे. हम आगे भी इसे मजबूत करने के लिए सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ जुड़ना जारी रखेंगे.
साइबल ने दावा किया कि डाटा हैक 30 अक्टूबर, 2020 को हुआ था और इसने बिगबास्केट के प्रबंधन को इसके बारे में पहले ही सूचित कर दिया था.
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शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
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आयकर में लोन लेने ब्याज य़ा किश्त चुकाने पर भी मिलती है टेक्स में छूट जानिये क्या है प्रावधान
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