प्रधानमंत्री #मुद्रालोन योजना (#PM-Mudra Loan Scheme) & #शिक्षा क्षेत्र लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

प्रधानमंत्री #मुद्रालोन योजना (#PM-Mudra Loan Scheme) & #शिक्षा क्षेत्र


स्वीकृत करावें अपना ऋण 1घंटे से भी कम समय में करें आवेदन यंहा sbi दे रही सुविधा

 भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) जिसे SBI के नाम से भी जाना जाता है. वह कोरोना काल में छोटे व्यापारियों (Small Businessman) को 1 घंटे से भी कम में 10 हजार से 10 लाख रुपए तक का लोन दे रहा है. बैंक यह लोन केंद्र सरकार (Central Government Scheme) द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (PM-Mudra Loan Scheme) के तहत दे रहा है. इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि छोटे कारोबारियों की आर्थिक परेशानियों (Financial Situation) को कुछ हद तक समाप्त किया जाए और उनके करोबार को आगे बढ़ाया जा सकें.

इसलिए एसबीआई ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि अब आप मुद्रा लोन (Mudra loan) आसानी से घर बैठे भी प्राप्त कर सकते हैं.

इसके लिए आपको बस कुछ जानकारी देनी होंगी जिसके बाद आपको महज 59 मिनट में 10 हजार से 10 लाख रुपए तक का लोन मिल सकेगा. SBI की ऑफिशियल वेबसाइट (SBI Official Website) के अनुसार, इसकी ब्याज दर (Interest Rate) 8.5 फीसद से शुरू होगी.

PM-Mudra Yojana क्या है ? (What is PM-Mudra Scheme)

मुद्रा (MUDRA) शब्द माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development And Refinance Agency) से बना है. इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति आसानी से लोन ले सकेगा. इस योजना के तहत लोन लेने पर किसी भी तरह की गारन्टी (Loan Guarantee) की जरूरत नहीं है. इस योजना से रेहड़ी-पटरी वाले, छोटे दुकानदारों को भी लाभ मिलेगा जो अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं.

PM-Mudra लोन के प्रकार (Type of PM- Mudra loan)

शिशु लोन (Shishu Loan) - शिशु ऋण के तहत 50 हज़ार तक के ऋण दिए जा सकते हैं.
किशोर लोन (Kishor Loan) - किशोर ऋण के तहत 50 हज़ार के ऊपर और 5 लाख रुपए तक के ऋण भी दिए जा सकते हैं.
तरुण लोन (Tarun Loan) - तरुण लोन के तहत 5 लाख रुपये से ऊपर और 10 लाख रुपए तक के ऋण दिए जा सकते हैं.
PM-Mudra Yojana के आवेदन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ (How to Apply PM-Mudra Scheme)

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने के लिए आपको इन जरूरी दस्तावेज को देने होंगे -

पहचान पत्र - पैन कार्ड आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस वोटर ID कार्ड या पासपोर्ट देना होगा.
लोन प्राप्त करने हेतु- वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट और बिजली का बिल में से कुछ भी दे सकते हैं.
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन प्राप्त करने वाला व्यक्ति जो भी व्यवसाय खोलना चाहता है. उससे संबंधित लाइसेंस पंजीकरण प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज भी देने होंगे.
प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के अंतर्गत आवेदक को वित्त वर्ष के दौरान बिक्री और मुनाफे घाटे का ब्यौरा भी देना होगा. अगर व्यक्ति किसी भी कंपनी या किसी भी व्यवसाय से साझेदारी करता है तो उसे वह कॉपी भी देनी होगी.
आवेदक को आवेदन करने के दौरान अपने दो फोटो भी देने होंगे यदि वह किसी और के साथ साझेदारी कर रहा है, तो उसे साथ में उसके भी दो फोटो देने होंगे.
ये सारे दस्तावेज के जरिए आप एसबीआई की वेबसाइट https://sbi.co.in/ पर जाकर आप मुद्रा लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं.
अगर आपको PM-Mudra लोन नहीं मिल पा रहा है तो आप नीचे दिए गए अपने राज्य के हिसाब से जारी टोल फ्री नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

PM-Mudra टोल फ्री नंबर (PM- Mudra Scheme Toll Free No.)

नेशनल (National) : 1800 180 1111 और 1800 11 0001

उत्तर प्रदेश (UP) : 18001027788

उत्तराखंड (Uttarakhand) : 18001804167

बिहार (Bihar) : 18003456195

छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) : 18002334358

हरियाणा (Haryana) : 18001802222

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) :18001802222

झारखंड (Jharkhand) : 1800 3456 576

राजस्थान (Rajasthan) : 18001806546

मध्यप्रदेश (Madhyapradesh):18002334035

महाराष्ट्र (Maharashtra):18001022636

उत्तर प्रदेश (UP) : 18001027788

उत्तराखंड (Uttarakhand) : 18001804167

बिहार (Bihar) : 18003456195

छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) : 18002334358

हरियाणा (Haryana) : 18001802222

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) :18001802222

झारखंड (Jharkhand) : 1800 3456 576

राजस्थान (Rajasthan) : 18001806546

मध्यप्रदेश (Madhyapradesh):18002334035

महाराष्ट्र (Maharashtra):18001022636


 शिक्षा क्षेत्र में केंद्र सरकार का निर्णय :

1.आरक्षित वर्ग को शिक्षा के ज्यादा अवसर और ज्यादा छात्रवृति

2. स्कूल कालेज निर्माण के लिए 100%ऋण सुविधा

अनुसूचित वर्ग के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है। एससी वर्ग से आने वाले बच्चों की पढ़ाई पर अब पहले के मुकाबले हर साल पांच गुना ज्यादा राशि खर्च होगी। साथ ही इसे लेकर संचालित योजना पर अगले पांच सालों में 59 हजार करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की जाएगी। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 35 हजार करोड़ से ज्यादा की होगी। इस पूरी योजना के जरिए अगले चार सालों में चार करोड़ अनुसूचित वर्ग के छात्रों को लाभ दिया जाएगा। इनमें करीब 1.36 करोड़ छात्र सबसे गरीब तबके से होंगे।

सुगम होगी शैक्षिक पहुंच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल के फैसले पर कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना पर लिए गए कैबिनेट के फैसले से अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए शैक्षिक पहुंच और सुगम होगी।

युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करना हमारी सरकार की महत्‍वपूर्ण प्राथमिकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम को लेकर यह निर्णय लिया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट कमेटी के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित वर्ग को शैक्षिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा फैसला लिया गया है।

तकनीक की मदद लेने का फैसला

स्कीम के फंडिंग पैटर्न में बदलाव कर जहां दी जाने वाली वित्तीय मदद में पांच गुना से ज्यादा बढ़ोतरी का फैसला लिया गया वहीं इससे समय पर सीधे लाभ देने के लिए तकनीक की भी मदद लेने का फैसला लिया है। यानी छात्रों को छात्रवृत्ति अब डीबीटी के जरिए सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। अभी तक केंद्र यह राशि राज्यों और शैक्षणिक संस्थानों को देता था। जिसके जरिए यह छात्रों तक पहुंचती थी। इनमें अलग-अलग स्तरों पर भारी गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती थीं।

राज्यों के साथ फंडिग का विवाद सुलझाया

इस बीच एससी छात्रवृत्ति योजना को लेकर राज्यों के साथ फंडिंग पैटर्न के विवाद को भी सुलझा लिया गया है। नए फं¨डग पैटर्न के तहत केंद्र की हिस्सेदारी 60 फीसद की होगी और राज्य को 40 फीसद हिस्सा देना होगा। गहलोत ने बताया कि पुराने फंडिंग पैटर्न से अब तक इस स्कीम में हर साल औसतन 11 सौ करोड़ की ही मदद दी जाती थी, जो अब बढ़कर हर साल छह हजार करोड़ दी जाएगी। यानी स्कीम पर खर्च की जाने वाली राशि में पांच गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी।

यह चाहती है सरकार

एससी छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए वैसे तो यह छात्रवृत्ति स्कीम 1944 से यानी आजादी के पहले से ही चल रही है। लेकिन 2013-14 तक दसवीं के बाद पढ़ाई करने वाले अनुसूचित छात्रों की सकल नामांकन अनुपात सिर्फ 17 फीसद ही था, जो 2018-19 में बढ़कर 23 फीसद हो गया है। इस फैसले के बाद सरकार का लक्ष्य इसे 27 फीसद तक पहुंचाना है।

क्या है स्कीम

अनुसूचित छात्रों को इस छात्रवृत्ति स्कीम के तहत दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए यानी 11वीं से उच्च शिक्षा तक ट्यूशन फीस, रखने और खाने के लिए मासिक भत्ता और शोध आदि के लिए टाइपराइ¨टग भत्ता आदि दिया जाता है।

डीटीएच क्षेत्र : दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी

यही नहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब डीटीएच लाइसेंस 20 साल के लिए जारी किया जाएगा। यही नहीं लाइसेंस शुल्क त्रैमासिक एकत्र किया जाएगा। जावड़ेकर ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने फिल्म्स डिवीजनों के विलय को मंजूरी भी दी है।

डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसद को भी मंजूरी

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union minister Prakash Javadekar) ने यह भी बताया कि डीटीएच सेवाओं में दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी देने से डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई (FDI in the DTH sector) की भी अनुमति होगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय ने डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसद एफडीआई की बात कही थी। इसके लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को बदलने की जरूरत महसूस की जा रही थी। इससे पहले इस क्षेत्र में एफडीआइ की लीमिट महज 49 फीसद ही थी।

मनोरंजन के क्षेत्र में भी बड़ा निर्णय

केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने फिल्म समारोह निदेशालय (Directorate of Film Festivals), भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (National Film Archives of India) और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (National Film Development Corporation) के साथ बाल फिल्म सोसायटी (Children's Film Society) को भारतीय फिल्म विकास निगम (National Film Development Corporation) के विलय को मंजूरी दी है।

अनाधिकृत कॉलोनियों के लिए अध्यादेश

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी बताया कि दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी, देहातों में कृषि भूमि पर हुए निर्माण के खिलाफ कोर्ट बार-बार आदेश देता था। उसके संरक्षण के लिए 2011 में नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली लॉ कानून बनाया गया। अब हम इसे 3 साल और आगे बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाए हैं।

100% ऋण सुविधा

अगर आप स्कूल, कॉलेज, ITI, पॉलिटेक्निक या गर्ल्स हॉस्टल खोलने का सपना देख रहे हैं तो फिर ये खबर आपके लिए बेहद अच्छी है। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार इसके लिए आपकी 100 फीसदी मदद करेगी। जी हां, सरकार निर्माण लागत में आपकी पूरी मदद करेगी और ऐसा जरूरी नहीं है कि वो जमीन वक्फ की ही हो। केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के तहत वक्फ बोर्ड की जमीन पर स्कूल, कॉलेज, ITI, पॉलिटेक्निक या गर्ल्स हॉस्टल बनाने में मदद करेगी।

वक्फ बोर्ड का किया जाएगा गठन
केंद्र की तरफ से वक्फ की जमीनों को अवैध निर्माण और अतिक्रमण से बचाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। बता दें कि मौजूदा समय में देश में वक्फ बोर्ड के पास करीब 6.64 लाख प्रॉपर्टी हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल में जल्द ही वक्फ बोर्ड (Waqf Board) का गठन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यहां पहली बार वक्फ बोर्ड की स्थापना की जाएगी। केंद्रीय वक्फ परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए नकवी ने यह ऐलान किया है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने प्रदेश में वक्फ की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने और अतिक्रमण करने वाले माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। अन्य राज्यों की तरह वहां भी केंद्र सरकार वक्फ संपत्ति के सही इस्तेमाल के लिए पूरी मदद करेगी। इस योजना के जरिए महिलाओं समेत तमाम जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। आजादी के बाद ऐसा पहली बार है जब कोई सरकार इन सुविधाओं को विकसित करने के लिए सौ फीसदी अनुदान दे रही है।