The Secret hindi
आन्तरिक बल
-संकल्प में एटम बम्ब की शक्ति
-अणु विस्फोट से उत्पन होने वाली शक्ति की जानकारी संसार को है ।
-संकल्प में भी शक्ति होती है । इस में अणु से भी अधिक शक्ति होती है । इसका विस्फोट कैसे हो यह खोज का विषय है ।
-जब हम कोई संकल्प करते है तो दो वृत्त बनते है । एक को ध्वनि वृत्त औ दूसरे को भाव वृत्त कहते है ।
-ध्वनि वृत्त अर्थात जब हम किसी संकल्प को मन में रिपीट करना शुरू करते है तो इस से ध्वनि की तरंगे बनती है । कुछ समय बाद ये तरंगे वृत्त का रुप ले लेती है और घूमना शुरू कर देती है । जितना ज्यादा सोचते है यह चकर शक्तिशाली बनता जाता है ।
-लगातार की गति एक गोलाई में घूमने लगती है । जिस से शक्ति बनने लगती है एक बार लट्टू को घुमा देने से बहुत देर तक घूमता रहता है । ऐसे ही योग में भगवान के किसी एक गुण को याद करते रहते है तो ऐसा बल बनता है जो रुकता नही । उस को कोई तोड़ नही सकता । ये संकल्प किले का काम करता है। जहां हम रहते है हमारे साथ रहने वाले भी विकारों से प्रभावित नही होते । अगर इस को और दृढ़ कर ले तो महात्मा बुद्ध की तरह जहां हम ठहरेगे उसके 20 किलो मीटर के क्षेत्र में अपराधी लोग भी अपराध नही करेगें । अगर सेंटर पर रहते है तो हमारे संकल्प किले का काम करेगें । सभी भाई बहिनों की संकल्प शक्ति मजबूत रहेगी ।
-यह गोले दो प्रकर के होते है । 1) संकल्प के आधार पर तथा 2) भावना के आधार पर ।
-किसी भी भावना को बार बार रिपीट करने या दिमाग में रखने से ये विचार भी एक चक्र में घूमते है जिस से यह बहुत शक्तिशाली हो जाते है और सृजनकर्ता को घेर लेते है । ये व्यक्तित्व को पकड़ और जकड़ लेती है और उसे अपने में ढाल लेती है । अर्थात भावना के अनुसार उसका व्यक्तित्व अच्छा वा बुरा बना जाता है । अगर आप शक करते है तो शक का स्वरूप बन जायेगे । अगर आप समझते है लोग दयालु है तो आप दया का स्वरूप बन जायेगे ।
-इसी प्रकार साधारण संकल्प भी जब चक्र का रुप धारण कर लेते है तो वह बहुत शक्तिशाली बन जाते है । वह रेडियो स्टेशन की तरंगों का रुप धारण कर लेते है । जिस से सारा संसार प्रभावित होता है और साधक भी जगमगाने लगता है । रेडियो स्टेशन पर प्रसारण होता है परंतु वहा कोई आवाज़ नही होती, परंतु जहां प्रसारण पहुँचता है वहां आवाज़ होती है । अर्थात आप जहां रहते है वहां लोग आप को साधारण समझेगे परंतु आप का मनोबल दूर दराज के लोगो को सकून देंगे ।