#गैस #सिलेंडर से #दुर्घटना क्या मिलता है #50 लाख What is the #accident from #gascylinder gets #कानून लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

#कानून #गैस #सिलेंडर से #दुर्घटना क्या मिलता है #50 लाख What is the #accident from #gascylinder gets #50lakh


गैस सिलेंडर से दुर्घटना पर मिलता है 50 लाख तक मुआवजा जानिये क्या है प्रावधान और कैसे मिलता लाभ

अक्सर आपने कई बार सुना होगा कि किसी के घर पर गैस सिलेंडर फट गया और कई लोगों की मौत हो गई लेकिन कंपनी गैस सिलेंडर फटने पर ₹5000000 तक का मुआवजा देती है लेकिन अधिकतर लोगों को पता नहीं है कि इसे कैसे क्लेम करते हैं।

आज इस आर्टिकल में आपको यही बताने वाले हैं यदि किसी भी कंपनी का गैस सिलेंडर फट जाए तो उसकी सारी जिम्मेदारी डीलर या फिर कंपनी की होती है हाल ही में एक मामला देखने को मिला जब एक घर में 1 सिलेंडर ब्लास्ट हो गए जिसमें एक महिला की मौत हो गई एक महिला बुरी तरह से जख्मी हो गई तब कोर्ट ने मृत महिला के परिवार वालों को 10 लाख 46 हजार का मुआवजा दिलाया कि झुलसी हुई महिला को एक लाख का मुआवजा मिला।

लेकिन सिलेंडर फटने पर 5000000 रुपए तक का मुआवजा मिल सकता है मायएलपीजी.इन (http://mylpg.in) के मुताबिक जैसे ही कोई व्यक्ति एलपीजी कनेक्शन लेता है तो उसे मिले सिलेंडर से यदि उसके घर में कोई दुर्घटना होती है तो वह व्यक्ति 50 लाख रुपये तक के बीमा का हकदार हो जाता है।

सिलेंडर से हुई दुर्घटना में अधिकतम ₹5000000 तक का मुआवजा और प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम ₹1000000 तक का मुआवजा मिल सकता है एलपीजी सिलेंडर के बीमा कवर पाने के लिए ग्राहक को दुर्घटना होने की तुरंत सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को देनी होती है।

एफआईआर की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल तथा मौत होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र संभाल कर रखें।

इस प्रकार आप किसी भी व्यक्ति को यह बता सकते हैं कि सिलेंडर से हुई दुर्घटना में उसे 5000000 तक का मुआवजा मिल सकता है।

गोदाम से खुद लेकर आएँगे गैस सिलेंडर तो एजेंसी देगी इतने रुपए, जानिए इस खास नियम के बारे में

हम सभी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उस से जुड़े कई नियम हम नहीं जानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके चलते आपको गैस एजेंसी से पैसा मिलेगा। तो आइए जानते हैं इस खास तरह के नियम के बारे में..

दरअसल आपकी गैस एजेंसी आपको घर तक गैस सिलेंडर पहुंचाती होगी। लेकिन यदि आप खुद गोदाम पर गैस सिलेंडर लेने आते हैं तो आपको इसके लिए गैस एजेंसी से पैसा मिलेगा।

ऐसी स्थिति में आप अपनी एजेंसी से 19 रुपये 50 पैसे की मांग कर सकते हैं।

लेकिन यदि एजेंसी आपको सिलेंडर लाने पर पैसा देने से इनकार करती है तो आप 18002333555 नंबर पर आप एजेंसी की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।


आपका रेगुलेटर चोरी होने पर भी आपको एक सुविधा मिलती है। जिसके तहत रेगुलेटर चोरी होने पर आप एजेंसी से नए रेगुलेटर की मांग कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी होगी और एफआईआर की कॉपी जमा करवाने पर आपको गैस एजेंसी से रेगुलेटर फ्री में मिल जाएगा।


अगर आपकी गैस सबसिडी बैंक में नही आ रही है तो जांचे अपनी जानकारी व स्थिति और ऐसे करें आवेदन

 अगर आप अपने गैस सब्सिडी की स्थिति जानना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं । जिसके ऊपर हम चर्चा करेंगे ।

■ पहले आपको यह देखना होगा कि आप जिस भी गैस सिलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं वह किस कंपनी की है सामान्य तौर पर भारत में तीन कंपनियों के ही घरेलू गैस सिलेंडर प्रयोग किए जाते हैं जो हैं
1. Bharat Gas
2. HP Gas
3. Indane Gas

◆ सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर ले कि आप भारत गैस Bharat Gas के एक ग्राहक हैं ।

सब्सिडी की जानकारी हेतु सबसे पहले आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जानी होगी ।

◆ Bharat Gas Official Website / भारत गैस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें ♂

◆ वेबसाइट पर जाने के बाद आपको my.lpg वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ♂

◆ इसके बाद आपको Check PAHAL Status वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।

◆ अब यहां पर आपको अपना आधार कार्ड संख्या और 17 अंकों की एलपीजी आईडी(lpg id) के साथ मोबाइल नंबर दर्ज करनी होगी ।

◆ यहां पर एक और विकल्प मौजूद होता है अगर आपके पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में आप अपने राज्य,जिला, डिस्ट्रीब्यूटर और ग्राहक संख्या दर्ज कर भी इसकी जानकारी देख सकते हैं ।

◆ जैसे ही आप प्रोसीड के बटन पर क्लिक करते हैं आपके सामने आपके गैस सब्सिडी (lpg gas subsidy ) की स्थिति आ जाती है ।

 घरेलू गेस सिलेंडर पर मिलता है 6 लाख का बीमा एक्पायर्ड डेट सिलेंडर की ऐसे करें जांच

अकसर सिलेंडर से हादसे की खबर आती रहती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। हादसों के पीछे लापरवाही भी हो सकती है। एक कारण ऐसा भी है जिसके बारे में शायद हर कोई न जानता हो और वो है सिलेंडर की एक्सपायरी डेट। जी हां हर सिलेंडर पर एक एक्सपायरी तारीख दी हुई होती है। इस पर आपको ध्यान देना जरूरी है। सिलेंडर लेते समय ही एक्सपायरी डेट पर ध्यान दें। वरना ये दुर्घटना का कारण बन सकता है। एक्सपायरी डेट वाले सिलेंडर खतरनाक होते हैं। उससे दुर्घटना की संभावना काफी बढ़ जाती है। आइये जानते हैं कैसे और कहां चेक कर सिलेंडर पर एक्सपायरी डेट।

कहां होती एक्सपायरी डेट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम इन तीनों कंपनियों के गैस सिलेंडर में ऊपर वाले गोल घेरे के साथ निचले भाग से जुड़ी लोहे की पट्टियां होती हैं।

इनमें दो पट्टियों पर सिलेंडर का वजन होता है, मगर तीसरी पट्टी पर जो नंबर लिखे होते हैं वही असल सिलेंडर की एक्सपायरी डेट होती है। हालांकि वो नंबर किसी कोड की तरह होते हैं। आइये हम आपको समझाते हैं उन कोड का अर्थ।

ए, बी, सी या डी के साथ होता है नंबर

सिलेंडर की उस पट्टी पर अंग्रेजी के ए, बी, सी या डी के साथ कोई नंबर लिखा होता है। पहले तो समझ लीजिए कि इनमें ए का अर्थ है जनवरी-मार्च, बी का अर्थ अप्रैल-जून, सी का अर्थ जुलाई-सितंबर और डी का अर्थ अक्टूबर-दिसंबर। यानी ये चारों शब्द साल की चारों तिमाहियों को दर्शाते हैं। इनके साथ लिखा हुआ नंबर होता है वर्ष। अब उदाहरण के लिए किसी सिलेंडर पर लिखा है ए-25, तो इसका मतलब है कि ये सिलेंडर मार्च 2025 में एक्सपायर होगा। इसी तरह अगर लिखा है बी-23 तो इसका अर्थ है कि वो सिलेंडर जुलाई 2023 में एक्सपायर होगा।
 
सिलेंडर की टेस्टिंग जरूरी

बता दें हर गैस सिलिंडर को इस्तेमाल करने की निश्चित समय सीमा होती है। इस समय सीमा के बाद सिलेंडर की टेस्टिंग करानी जरूरी है। टेस्टिंग में अगर सिलेंडर उपयोग के लायक न निकले तो आगे से उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता। हर नये सिलेंडर की टेस्टिंग 10 से 15 साल में करानी जरूरी है। वहीं पुराने सिलेंडरों की टेस्टिंग हर पांच साल में ही होती है। सिलेंडर की ये टेस्टिंग गैस सिलिंडर प्लांट में होती है। अकसर लोग सालों तक सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं करते। मगर इस तरह के सिलेंडर की जांच बहुत जरूरी है। वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
 
दुर्घटना पर मिलता है 6 लाख रु का बीमा

क्या आप जानते हैं कि गैस सिलेंडर से कोई दुर्घटना होने पर 6 लाख रु मिलते हैं। सिलेंडर पर 6 लाख रु का बीमा कवर मिलता है, जो किसी दुर्घटना की स्थिति में दिया जाता है। ये बीमा कवर आपके घर में गैस कनेक्शन के लगने के पहले दिन से ही शुरू हो जाता है। यदि कोई दुर्घटना हो जाए तो सबसे पहले अपने एलपीजी वितरक को उसके बारे में सूचित करें। वे वितरक तेल कंपनी से जुड़ी बीमा कंपनी को सूचित करेगा। बीमा कंपनी दुर्घटना क्षेत्र का मुआयना करेगी और फिर मुआवजे में मिलने वाली राशि तय करेगी। कुल मुआवजा राशि ऑयल कंपनी द्वारा दी जाएगी। बीमा राशि एलपीजी वितरक को भेजी जाएगी जो इसे ग्राहक या उसके परिवार को सौंप देगा।

 वो कौन- सी 12 सुविधाएँ होती है पेट्रोल पंप पर, जिस पर होता है आपका पूरा अधिकार

पेट्रोल पंप से आये दिन लोगों को गुजरना पड़ता है। ऐसे में आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि पेट्रोल पंप पर कौन-कौन सी ऐसी सुविधाएं हैं जो जनता को बिल्कुल मुफ्त में मिलती हैं।

मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइंस के तहत पेट्रोल पंप मालिक जनता को ये सुविधाएं देने के लिए बाध्य होते हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके ख़िलाफ़ शिकायत की जा सकती है। यहां तक कि इस शिकायत पर पेट्रोल पंप का लाइसेंस तक रद्द हो सकता है और उस पर बड़ा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

आइए जानते हैं पेट्रोल पंप पर कौन-कौन सी सुविधाएं बिल्कुल ​मुफ्त में मिलती है -

हवा भरने की सुविधा मिलती है बिल्कुल मुफ्त

1. सभी पेट्रोल पंप पर आम जनता को गाड़ियों में हवा भरने की सुविधा बिल्कुल मुफ्त में दी जानी चाहिए।

इसके लिए पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल पंप में हवा भरने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगानी पड़ती है। साथ ही हवा भरने के लिए एक व्यक्ति को नौकरी देनी होती है।

पीने के पानी की व्यवस्था

2. पेट्रोल पंप पर आम लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था किए जाने का नियम है। इसके लिए पेट्रोल पंप पर वाटर कूलर या आरो वॉटर उपलब्ध कराया जाता है। इस पानी के लिए पेट्रोल पंप किसी से कोई पैसा नहीं वसूल सकते। उनको यह सुविधा बिल्कुल मुफ्त में देनी होती है।

फोन कॉल की सुविधा

3. पेट्रोल पंप पर आम जनता के लिए फोन कॉल की सुविधा भी उपलब्ध करानी होती है। यह सुविधा आम लोगों को बिल्कुल मुफ्त में देनी पड़ती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपको इमरजेंसी कॉल करनी है और आपके फोन मे नेटवर्क ठीक से काम नहीं कर है या किसी कारणवश फोन नहीं लग रहा है तो आप पेट्रोल पंप जाकर एक कॉल बिना कोई शुल्क दिए कर सकते हैं।

वॉशरूम की सुविधा

4. पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल पंप पर वॉशरूम की सुविधा देनी होती है। इस सुविधा के लिए आम जनता से शुल्क के रूप में पैसे नहीं वसूले जा सकते। यहां तक कि नियमों के अनुसार, अगर किसी पेट्रोल पंप का वॉशरूम टूटा-फूटा है या गंदा है तो इसकी भी शिकायत की जा सकती है।

हर पेट्रोल पंप को फर्स्ट एड बॉक्स रखना जरूरी

5. नियमों के अनुसार, हर पेट्रोल पंप के लिए फर्स्ट एड बॉक्स रखना जरूरी किया गया है। इसमें लाइफ सेविंग्स दवाएं और मरहम-पट्टी अवश्य रूप से होनी चाहिए। यहां तक कि दवाइयां भी एकदम नई होनी चाहिए। एक्सपायरी डेट की दवाइयां रखना कानूनन ग़लत है।

फायर सेफ्टी डिवाइसेज और रेत से भरी बाल्टी

6. पेट्रोल पंप पर फायर सेफ्टी डिवाइसेज और रेत से भरी बाल्टी रखनी होती है। ताकि आग लगने की स्थिति में उनका तुरंत इस्तेमाल किया जा सके। अगर पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल भरवाते समय किसी तरह की आग लगती है, तो इनका इस्तेमाल बिना किसी की अनुमति के किया जा सकता है। इस सुविधा के लिए पेट्रोल पंप किसी प्रकार का चार्ज नहीं ले सकते हैं।

क्वालिटी और क्वांटिटी जानने का अधिकार

7. नियमों के मुताबिक़, सभी पेट्रोल पंप पर हर ग्राहक को पेट्रोल और डीजल की क्वालिटी और क्वांटिटी जानने का पूरा अधिकार प्राप्त है। इसके लिए पेट्रोल पंप मालिकों की ओर से व्यवस्था करना जरूरी होता है।

बिल पाने का अधिकार

8. जिस भी पेट्रोल पंप पर ग्राहक पेट्रोल या डीजल भरवाता है, वहां उसे बिल पाने का पूरा अधिकार प्राप्त है। पेट्रोल पंप मालिक या उसका एजेंट बिल देने से इनकार नहीं कर सकता है। बिल लेने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर लेन-देन में किसी तरह की कोई गड़बड़ी हुई है तो उसको बाद में भी सुधारा जा सकता है।

हर पेट्रोल पंप को ये सब करना भी होता है जरूरी

9. सभी पेट्रोल पंप्स मालिकों को यह साफ आदेश होता है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को डिस्प्ले किया जाना चाहिए। ताकि आम लोगों को आसानी से कीमतों का पता चल सके। पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की कीमत सही होनी चाहिए। अगर किसी पेट्रोल पंप ने बढ़ा-चढ़ाकर इसकी कीमतें दिखाई या वसूली है तो इसकी भी शिकायत की जा सकती है।

10. हर पेट्रोल पंप पर उसके खुलने और बंद होने के समय का एक नोटिस टंगा होना चाहिए। इसके अलावा इस नोटिस बोर्ड में होली-डे यानी छुट्टी के दिन की भी जानकारी स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।

11. हर पेट्रोल पंप पर शिकायती बॉक्स या रजिस्टर रखना अनिवार्य किया गया है, ताकि अगर किसी को कोई दिक्कत होती है तो वह उसमें अपनी शिकायत लिखित में दर्ज करा सके।

12. इन सब के अलावा पेट्रोल पंप पर पेट्रोल पंप के मालिक और पेट्रोलियम कंपनी का नाम और कॉन्टैक्ट नंबर लिखकर टांगना भी जरूरी होता है, ताकि आम व्यक्ति कभी भी पेट्रोल पंप मालिक या संबंधित कंपनी से संपर्क कर सकें।

महोदय, कृपया ध्यान दें,

   यद्यपि इसे (पोस्ट) तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कोशिश रही है। फिर भी किसी घटनाएतिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है । अतः अपने विवेक से काम लें या विश्वास करें।

Agreement सहमति :-

हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारे उक्त शर्तों/स्वीकरण के लिए सहमति देते हैं और इसकी शर्तों से सहमत होते हैं। किसी भी प्रकार के विवाद के लिए लखनऊ जिला के अन्तर्गत न्यायालयों, फारमों, आयोगों, मध्यस्थ अथवा उच्च न्यायालय, लखनऊ में ही वाद की सुनवाई की जायेगी।

यह पोस्ट में दी गयी जानकारी धार्मिक विश्वास एवं आस्था, Whats-app एवं  ग्रन्थों से पर आधारित है जो पूर्णता वैज्ञानिक नहीं है

 

 

 


महोदय, कृपया ध्यान दें,

   यद्यपि इसे (पोस्ट) तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कोशिश रही है। फिर भी किसी घटनाएतिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है । अतः अपने विवेक से काम लें या विश्वास करें।

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यह पोस्ट में दी गयी जानकारी धार्मिक विश्वास एवं आस्था, Whats-app एवं  ग्रन्थों से पर आधारित है जो पूर्णता वैज्ञानिक नहीं है

#गैस #सिलेंडर से #दुर्घटना क्या मिलता है #50 लाख What is the #accident from #gascylinder gets #50lakh #कानून 

दुर्घटनाग्रस्त वाहन का क्रेता वाहन के खरीद पूर्व जोखिम दावों के लिए उत्तरदायी नही :हाईकोर्ट

 इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि दुर्घटना (Accident) के बाद कार खरीदने वालो से दावे की रकम वसूली नहीं जा सकती. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने रिलीज से पहले ट्रायल कोर्ट का 5 लाख जमा कराने का आदेश रद्द कर दिया है. साथ ही हाईकोर्ट ने इस केस में 3 हफ्ते में सीजेएम को निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि इसके लिए दुर्घटना के समय कार का मालिक ही जिम्मेदार है. सीजेएम प्रयागराज को याची का वाहन रिलीज करने की अर्जी पर 3 हफ्ते में फैसला करने का निर्देश दिया है. इससे पहले याची मेवालाल की याचिका कोर्ट ने स्वीकार की. दरअसल मेवालाल की कार से 2014 में दुर्घटना हुई थी, जबकि याची ने अप्रैल 2017 में ये कार खरीदी.

पुलिस पर घूस नहीं देने पर कार जब्त करने का आरोप

याचिका में कहा गया कि 15 सितंबर 2018 को चेकिंग में पुलिस को घूस न देने के चलते कार जब्त कर ली गई. याची ने कार रिलीज करने की अर्जी दी तो सीजेएम ने कहा कि 5 लाख रूपये दुर्घटना दावा अवार्ड जमा करें. उसने जिला कोर्ट की शरण ली तो जिला कोर्ट ने भी सीजेएम कोर्ट का आदेश बरकरार रखा. आखिरकार उसने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका पर जस्टिस जेजे मुनीर की एकल पीठ ने आदेश दिया.हाईकोर्ट ने कहा कि दुर्घटना के समय कार का मालिक ही जिम्मेदार है. सीजेएम प्रयागराज को याची का वाहन रिलीज करने की अर्जी पर 3 हफ्ते में फैसला करने का निर्देश दिया है. दुर्घटना के बाद कार खरीदने वाले से दावे की रकम नहीं वसूली जा सकती.

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