प्रत्येक लाइन गहराई से पढ़िये
● गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
● अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।
● किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
● किसी के पास खाने के लिए..... वक्त ही नहीं है.....।
● कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
● कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
● कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
● कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....।
● ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना....
● कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
● पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज दोस्तों की यादों में रहते है...।
● पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
● सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।जिंदगी बहुत कम है, प्यार से जियो
● "जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा,
● जो नहीं है, वह आकर भी भाग जाएगा...!"
● यहाँ सब कुछ बिकता है, रहना जरा संभाल के दोस्तों, बेचने वाले हवा भी बेच देते है, गुब्बारों में भरके ।
● सच बिकता है, झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी, तीनों लोक में फेला है, फिर भी बिकता है बोतल में पानी ।
● कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे, टूट कर बिखर्र जाओगे,
● जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए, "भगवान" बन जाओगे....!!
● "रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
● "नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं !
● सड़क कितनी भी साफ हो "धुल" तो हो ही जाती है,
● इंसान कितना भी अच्छा हो "भूल" तो हो ही जाती है !!!
● आइना और परछाई के जैसे मित्र रखो क्योंकि
● आइना कभी झूठ नहीं बोलता और परछाई कभी साथ नहीं छोङती......
● खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो एक बार उसका 'इलाज' है..
● लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो, उसका कोई 'इलाज' नहीं है।
● "मैं अपनी 'ज़िंदगी' में हर किसी को'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
● जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
● और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
● अगर लोग केवल जरुरत पर ही आपको याद करते है तो
● बुरा मत मानिये बल्कि गर्व कीजिये क्योंकि "
● मोमबत्ती की याद तभी आती है, जब अंधकार होता है।"