पश्चिमी उत्तर प्रदेश यूं तो गन्ना बेल्ट के तौर पर जाना जाता है लेकिन अब वेस्ट यूपी की धरती स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए भी नई पहचान बनाती नज़र आ रही है. मेरठ के दो किसान भाईयों ने मिलकर स्ट्रॉबेरी की खेती करके अपनी आय दोगुनी नहीं चार गुनी करके पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने में अहम कदम बढ़ाया है. कृषि विविधिकरण से आय दोगुनी करने का फार्मूला अपनाकर ये किसान भाई आज रोज़ कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं.
इन किसान भाईयों का कहना है कि अब सिर्फ गन्ने के भरोसे रहने के दिन गए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहते रहते हैं. सरकार के प्रयास के साथ-साथ अब कुछ किसानों ने ये कार्य अपने कंधों पर भी उठा लिया है. हम बात कर रहे हैं मेरठ के दो किसान भाई सेवाराम और राधेश्याम की. आमतौर पर वेस्ट यूपी गन्ना बेल्ट के तौर पर जाना जाता है. यहां हर ओर आपको गन्ना ही गन्ना लहलहाता हुआ नज़र आता है. लेकिन अब गन्ने की फसल के बीच स्ट्रॉबेरी की फसल सभी को आश्चर्यचकित कर रही है. कृषि विविधिकरण का फार्मूला अपनाकर इन किसानों ने गन्ने की खेती के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती करने की चुनौती स्वीकार की और एक फसल में किसानों ने अपनी आय को कई गुना बढ़ा लिया.
खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती लहलहा रही है
किसान राधेश्याम का कहना है कि पीएम मोदी को आदर्श मानकर उन्होंने इस नेक कार्य की शुरुआत की और आज उन्हें लोग आदर्श किसान कहकर पुकारने लगे हैं. मेरठ में माछरा ब्लाक के अमरपुर निवासी किसान भाईयों ने एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की शानदार खेती की शुरूआत करके एक उदाहरण पेश किया है. हिल स्टेशन के नाम से प्रसिद्ध महाबलेश्वर से सेवाराम ने 16 हजार पौधे लाकर स्ट्राबेरी की खेती शुरू की थी. और आज की तारीख में उनके खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती लहलहा रही है.
उन्होंने इस खेती के लिए ड्रिप यानि टपक सिंचाई विधि को अपनाया. नतीज़ा ये हुआ कि पिछले छह माह की फसल में उन्हें स्ट्राबेरी से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है. इलाके के कई किसान साथी अब राधेश्याम और सेवाराम जी के पास स्ट्रॉबेरी की खेती के टिप्स लेने पहुंच रहे हैं. उनका खेत अब किसी पर्यटन से कम नहीं. छोटे-छोटे बच्चे यहां आकर स्ट्रॉबेरी के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं. इन किसान भाइयों ने एक बात तो साफ कर दी है कि अगर आगे बढ़ना है तो वक्त के साथ बदलाव जरूरी है.
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