kiran bedi
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*किरण बेदी से जुड़े 10 प्रमुख तथ्य- हासिल किया देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनने का गौरव*
जिस दौर में सिविल सर्विसेज परीक्षा में बेहतर रैंक लाने पर आम तौर पर महिलाएं आईएएस में ही जाना पसंद करती थीं, तब (साल 1972) में किरण बेदी ने एक सीनियर ऑफिसर के रूप में आईपीएस ज्वाॅइन करके सबको हैरत में डाल दिया था। इन्हें 'देश की प्रथम महिला आईपीएस अधिकारी होने का गौरव हासिल है। इन्होंने नशीले पदार्थों के नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और वीआईपी सुरक्षा जैसे प्रमुख काम किए हैं। किरण बेदी वर्तमान में पुदुचेरी की लेफ्टीनेंट गवर्नर हैं।किरण का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में हुआ था।
इन्होंने आईआईटी दिल्ली से पीएचडी किया है, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है और पंजाब विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। इन्होंने अमृतसर के गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमन से अंग्रेजी में स्नातक किया है।
किरण को बचपन में टेनिस बहुत पसंद था। वह ऑल इंडिया के साथ-साथ ऑल एशियन टेनिस चैंपियनशिप भी जीत चुकी हैं।
किरण बेदी ने अपने करियर की शुरुआत व्याख्याता के रूप में की थी। वो साल 1970 में खालसा कॉलेज, अमृतसर में राजनीति शास्त्र की लेक्चरर बनी थीं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस प्रमुख रहते हुए किरण बेदी के साहसिक कार्यों के कारण उन्हें 'क्रेन बेदी' का उपनाम भी मिला। अपने सहायकों को उनका सख्त निर्देश था कि गलत जगह गाड़ियां खड़ी होने पर उसे फौरन उठवा लिया जाए, चाहे गाड़ी का मालिक कितनी भी बड़ी शख्सियत क्यों न हो। इसी क्रम में एक बार तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की कार को क्रेन से उठवा लिया था।
किरण बेदी की शादी 1972 में ब्रिज बेदी से हुई थी, लेकिन बाद में दोनों में अलगाव हो गया। दोनों की शायना नाम की एक बेटी भी है। किरण के जीवन पर एक फिल्म 'यस मैडम सर' बन चुकी है।
तिहाड़ जेल और कैदियों की दशा में सुधार के लिए किरण बेदी के उठाए गए कदम, कई जेलरों के लिए आज भी मिसाल है। उन्होंने साबित किया कि अगर कैदियों से मानवीय बर्ताव करते हुए उन्हें सुधार का मौका दिया जाए, तो वे समाज के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
किरण बेदी को शौर्य पुरस्कार, 'एशिया का नोबेल पुरस्कार' कहा जाने वाला 'रमन मैग्सेसे पुरस्कार' के अलावा और भी कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
किरण बेदी अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के साथ 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' से जुड़कर काम कर चुकी हैं। लोकपाल आंदोलन में भ्रष्टाचार का विरोध करने के दौरान उन्होंने भी भूख हड़ताल की थी। तब उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था।
वो लंबे अरसे से समाजसेवा के काम से जुड़ी हुई हैं। उन्हें कई एनजीओ में काम करने का अनुभव हासिल है।
किरण बेदी ने ‘इट्स ऑलवेज पॉसिबल’ और दो आत्मकथाओं के रूप में ‘आय डेयर’ व ‘काइंडली बेटन’ नाम की किताब भी लिखी है, किरण कुल बारह किताबें लिख चुकी हैं।