Positive
अग्नि का आशय किसी risk से है, और स्त्री से मतलब है भोग-विलास या सुख-सुविधा भरी चीजों से।राजा का अर्थ है किसी बड़े पद का व्यक्ति, कोई ऐसा इंसान जिसके पास कुछ करने की authority हो, जैसे कि आपका manager या boss, कोई नेता, मंत्री etc.
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पहले हम राजा, अग्नि और स्त्री का अर्थ समझते हैं:
अग्नि का आशय किसी risk से है, और स्त्री से मतलब है भोग-विलास या सुख-सुविधा भरी चीजों से।राजा का अर्थ है किसी बड़े पद का व्यक्ति, कोई ऐसा इंसान जिसके पास कुछ करने की authority हो, जैसे कि आपका manager या boss, कोई नेता, मंत्री etc.
तो पहला question ये है कि “राजा” से उचित दूरी क्यों बनायीं जाए?
- जो अथॉरिटी वाले व्यक्ति होते हैं उन्हें कहीं न कहीं अपने राज खुल जाने और सत्ता छिन जाने का डर रहता है। यदि आप उनके बहुत करीब हो जाते हैं तो obviously आप उनके बारे में कई ऐसी बातें जान जाते हैं जो यदि सभी लोग जान जाएं तो ये उनके लिए ठीक नहीं रहता। इसलिए बहुत बार ऐसे लोग अपने सबसे करीबी लोगों के लिए ही घातक हो जाते हैं। चाणक्य का ऐसे लोगों से दूर रहने की सलाह देने का ये एक बड़ा कारण हो सकता है।
- इसके आलावा, अधिकार या सत्ता की position तक पहुँचते-पहुँचते कहीं न कहीं दुश्मन भी बढ़ जाते हैं और अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति के बहुत करीब हैं तो आपको भी नुक्सान पहुँच सकता है।
- ऐसे लोगों का बहुत करीबी होने पर आपके ऊपर बेकार के काम का बोझ भी पड़ सकता है। शायद आपने ऑफिस में देखा होगा कि जो बॉस की बहुत जी हजुरी करता है उसे उनके बहुत से पर्सनल काम भी करने पड़ते हैं। और फिर वे अपने बच्चों, अपने परिवार को सही समय नही दे पाते।
अब आते हैं दूसरी बात पर- अग्नि यानि risk या खतरे से उचित दूरी क्यों बनायीं जाए?
* संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है.