*ज्योतिषशास्त्र*
*पढ़ें ऐसे ही खास उपाय -*
➡ *मेष -*
*- गुरुवार को चंदन और केसर घिसकर उससे सफेद कपड़े पर स्वस्तिक बनाएं। उसे तिजोरी या पूजा वाले स्थान पर रखें। इससे आपको किस्मत का साथ मिलेगा।*
*- घर के मुख्य द्वार पर सफेद कपड़े में 5 गोमती चक्र बांध दें और गुग्गल का धूप लगाएं।*
➡ *वृष-*
*- लक्ष्मी या किसी भी देवी मंदिर में गाय के घी का दीपक लगाएं और खीर का प्रसाद चढ़ाएं।*
*- रात में गाय के घी के दो दीपक जलाकर उन्हें किसी एकांत स्थान पर अपनी मनोकामना बताते हुए रख आएं।*
➡ *मिथुन-*
*- शाम को घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक लगाएं तथा उसमें दो काली गुंजा डाल दें। इससे आपकी आर्थिक परेशानी खत्म हो जाएगी और किस्मत का साथ मिलेगा।*
*- शुभ मुहूर्त में सफेद मदार की जड़ लेकर घर ले आएं और रोज उसकी पूजा करें।*
➡ कर्क -*
*- पारद शिवलिंग घर में स्थापित करें और रोज पूरा करें।*
*- गाय की सेवा करें। बीमार गायों का इलाज करवाएं।*
➡ *सिंह -*
*- अपने घर की पूर्व दिशा में छत पर लाल रंग का त्रिकोण झंडा लगाएं।*
*- शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं।*
➡ *कन्या -*
*- पूर्णिमा की रात को घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के घी का दीपक जला कर रखें। दीपक में इतना घी डालें की वो सुबह ब्रह्म मुहूर्त तक जलता रहे।*
*- पूर्णिमा को बरगद के पत्तों पर अनार की कलम से चंदन से श्रीराम लिखें और उनकी माला बनाकर हनुमान जी को पहनाएं।*
➡ *तुला -*
*- हर शुक्ल पक्ष में पहली तिथि से पूर्णिमा तक रोज मीठे चावल कौओं को खिलाएं।*
*- बरगद के पत्ते पर सिंदूर व घी से ॐ श्रीं श्रियै नम: मंत्र लिखें और इसे बहते हुए जल में छोड़ दें।*
➡ *वृश्चिक -*
*- लाल रुमाल में नारियल बांधकर अपने गल्ले अथवा तिजोरी में रखें।*
*- 11 मंगलवार तक हनुमान जी के वक्ष स्थल (छाती पर) चंदन से श्रीराम लिखें।*
➡ *धनु -*
*- केसर और चंदन मिलाकर लक्ष्मी और विष्णु जी के पैरों में लगाएं।*
*- किसी भी विष्णु मंदिर में तुलसी को पौधा दान करें।*
➡ *मकर -*
*- रुई का दीपक घर के ईशान कोण में जलाएं।*
*- 21 शनिवार तक पूरे घर में गोमूत्र छिड़कें और गूग्गल की धूप लगाएं।*
➡ *कुंभ -*
*- नारियल के कड़क हिस्से में घी डालकर लक्ष्मीजी को दीपक लगाएं। यह दीपक रात भर जलने दें।*
*- हर शनिवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पीपल को जल चढ़ाएं और घी का दीपक लगाएं।*
➡ *मीन -*
*- किसी विष्णु मंदिर में केले के पेड़ लगाएं और उनकी पूजा करें।*
*- पूर्णिमा को पान के पत्ते पर रोली से श्रीं लिखकर पूजा स्थान पर रखें और रोज इसकी पूजा करें।*
ऊॅ हौं जूं सः। ऊॅ भूः भुवः स्वः ऊॅ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मधुकर / किरण / एवं शिवंशी उर्फ बाटू को रक्षय- रक्षय - पालय-पालय ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।
ॐ ह्रीं ह्रीं वं वं ऐं ऐं मृतसंजीवनि विद्ये मृतमुत्थापयोत्थापय क्रीं ह्रीं ह्रीं वं स्वाहा।