माइकल जैक्सन से जुड़े 20 तथ्य || Interesting 20 facts about Michael Jackson लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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रविवार, 12 मई 2019

माइकल जैक्सन से जुड़े 20 तथ्य || Interesting 20 facts about Michael Jackson

माइकल जैक्सन डेढ़ सौ साल जीना चाहता था But
सबसे_बड़ा_सच_मौत

माइकल जैक्सन डेढ़ सौ साल जीना चाहता था! किसी के साथ हाथ मिलाने से पहले दस्ताने पहनता था! लोगों के बीच में जाने से पहले मुंह पर मास्क लगाता था !उसकी देखरेख करने के लिए उसने अपने घर पर 12 डॉक्टर्स नियुक्त किए हुए थे !
जो उसके सर के बाल से लेकर पांव के नाखून तक की जांच प्रतिदिन किया करते थे! उसका खाना लैबोरेट्री में चेक होने के बाद उसे खिलाया जाता था! उसको व्यायाम करवाने के लिए 15 लोगों को रखा हुआ था! माइकल जैकसन अश्वेत था उसने 1987 में प्लास्टिक सर्जरी करवा कर अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था!
अपने काले मां-बाप और काले दोस्तों को भी छोड़ दिया गोरा होने के बाद उसने गोरे मां-बाप को किराए पर लिया! और अपने दोस्त भी गोरे बनाए शादी भी गोरी औरतों के साथ की!
नवम्बर 15 को माइकल ने अपनी नर्स डेबी रो से विवाह किया, जिसने प्रिंस माइकल जैक्सन जूनियर (1997) तथा पेरिस माइकल केथरीन (3 अपैल 1998) को जन्म दिया।
18 मई 1995 में किंग ऑफ पॉप ने रॉक के शहजादे एल्विस प्रेस्ली की बेटी लिसा प्रेस्ली से शादी कर ली। एमटीवी वीडियो म्यूजिक अवॉर्ड्स में इस जोड़ी के ऑनस्टेज किस ने बहुत सुर्खियाँ बटोरी! हालाँकि यह जोडी सिर्फ दो साल तक ही साथ रह पाई और 18 जून 1996 में माइकल और लिसा ने तलाक ले लिया।
वो डेढ़ सौ साल तक जीने के लक्ष्य को लेकर चल रहा था! हमेशा ऑक्सीजन वाले बेड पर सोता था,उसने अपने लिए अंगदान करने वाले डोनर भी तैयार कर रखे थे! जिन्हें वह खर्चा देता था,ताकि समय आने पर उसे किडनी, फेफड़े, आंखें या किसी भी शरीर के अन्य अंग की जरूरत पड़ने पर वह आकर दे दे।
उसको लगता था वह पैसे और अपने रसूख की बदौलत मौत को भी चकमा दे सकता है लेकिन वह गलत साबित हुआ 25 जून 2009 को उसके दिल की धड़कन रुकने लगी उसके घर पर 12 डॉक्टर की मौजूदगी मैं हालत काबू में नहीं आए, सारे शहर के डाक्टर उसके घर पर जमा हो गए वह भी उसे नहीं बचा पाए।
उसने 25 साल तक बिना डॉक्टर से पूछे कुछ नहीं खाया! अंत समय में उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी 50 साल तक आते-आते वह पतन के करीब ही पहुंच गया था! लगभग उसने बच्चों का यौन शोषण किया वह घटिया हरकतों पर उतर आया था! और 25 जून 2009 को वह इस दुनिया से चला गया जिसने जिसने अपने लिए डेढ़ सौ साल जीने इंतजाम कर रखा था!उसका इंतजाम धरा का धरा रह गया!
जब उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ तो डॉक्टर ने बताया! कि उसका शरीर हड्डियों का ढांचा बन चुका था! उसका सिर गंजा था उसकी पसलियां कंधे हड्डियां टूट चुके थे! उसके शरीर पर अनगिनत सुई के निशान थे प्लास्टिक सर्जरी के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक वाले दर्जनों इंजेक्शन उसे दिन में लेने पड़ते थे!
माइकल जैक्सन की अंतिम यात्रा को 2.5 अरब लोगो ने लाइव देखा था। यह अब तक की सबसे ज़्यादा देखे जाने वाली लाइव ब्रॉडकास्ट हैं।
माइकल जैक्सन की मृत्यु के दिन यानी 25 जून 2009 को 3:15 PM पर, Wikipedia,Twitter और AOL’s instant messenger यह सभी क्रैश हो गए थे।
उसकी मौत की खबर का पता चलता है गूगल पर 8 लाख लोगों ने माइकल जैकसन को सर्च किया! ज्यादा सर्च होने के कारण गूगल पर सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम हुआ था! और गूगल क्रैश हो गया ढाई घंटे तक गूगल काम नहीं कर पाया!
मौत को चकमा देने की सोचने वाले हमेशा मौत से चकमा खा ही जाते हैं! सार यही है,बनावटी दुनिया के बनावटी लोग कुदरती मौत की बजाय बनावटी मौत ही मरते हैं!

-क्यों करते हो गुरुर अपने चार दिन के ठाठ पर ,
-मुठ्ठी भी खाली रहेंगी जब पहुँचोगे घाट पर✍
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इस पोस्ट पर मेरे कुछ विचार-
सार- जो प्रकति से प्राप्त नेचुरल शरीर मिला उस शरीर का सम्मान नही किया, दूसरे की तरह शरीर बनाने की चाह की, जिससे अपने शरीर के स्वाभाव का अतिक्रमण किया। स्वयं के शरीर से प्रेम किया लेकिन दूसरे की तरह पाने की चाह थी। दूसरे की तरह नयन नक्षत्र पाना गलत नही लेकिन अपनी प्रकति से विद्रोह करना भी उचित नही। अपने ही शरीर की प्रकति को सुंदर किया जा सकता है। लेकिन प्रकति को बदलने की कोशिश स्वयं के साथ अतिक्रमण करना है।  जिस कारण यह अपने स्वभाव से हट गए और दूसरे के शरीर मे खुद पाने की चाह में अपने शरीर से प्रतिघात किया।
स्वयं के शरीर से संतुष्टि न होने के कारण मौत का भय सताने लगा और अमीर होने का बल मृत्यु के भय जो सता रहा था उसे जीतने का प्रयास किया, लेकिन वह भूल में थे कि जिस शरीर से संतुष्ट नही है और मौत से जीतने का इंतजाम करने में जुट गए असल मे वे उसी समय अपनी मौत को न्योता देने में जुट गए थे। क्योकि यहां law of attraction के हिसाब से वे प्रतिदिन मौत को आकर्षित कर रहे थे और जैसा की उनकी आदतें ने उनके जीवन का परिणाम एक असार्थक दिशा में परिवर्तित कर दिया। परिणामस्वरूप जीवन को आंतरिक रूप, सुरक्षा , सुंदरता बनाने का टेंशन जो था वो  वो एक भय का रूप ले चुका था। जिस कारण जीवन को जो दिया वो मिला। क्योकि असल मे उन्होंने अपने जीवन आंतरिक रूप से भय दिया तभी इतनी सुरक्षा दी, शरीर से संतुष्ट नही थे तभी वे शरीर की प्रकति को जबरन छेड़खान की। जिस कारण उनकी संसार में इतनी सफलता के वाद भी एक असफलता पायी।
★★खुद प्रकति को स्वीकारे उसका सम्मान करें। सुरक्षा के दो मतलब है एक समझदारी रखना ताकि उस विषय के कारण परेशानियां न हो,  दूसरा भय का होना सुरक्षा को जन्म देता। ★★

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