*एकादशी व्रत करने से लाभ*
*एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*जो पुण्य सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में स्नान- दान से होता है, उससे "१०००" गुना अधिक पुण्यफल एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है ।*
*जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है ।*
*एकादशी व्रत करने से धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*एकादशी व्रत करने से कीर्ति बढ़ती है, भगवान श्री कृष्ण की कृपा और भक्ति प्राप्त होती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*एकादशी व्रत-उपवास करने से परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, आदि राजा जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त सुख और ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिव ने नारद से कहा है कि :हे ऋषिवर नारद ! एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । भगवान भोलेनाथ कहते हैं कि:हे पार्वती! एकादशी के दिन व्रत-उपवास और गौ - दान करने तथा गौ-माता को हरा चारा खिलाने और गायों की सेवा करने से अनंत गुना (अक्षय) पुण्यफल की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शान्ति एवं समृद्धि का लाभ प्राप्त होता है।*
*जो पुण्य सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में स्नान- दान से होता है, उससे "१०००" गुना अधिक पुण्यफल एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है ।*
*जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है ।*
*एकादशी व्रत करने से धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*एकादशी व्रत करने से कीर्ति बढ़ती है, भगवान श्री कृष्ण की कृपा और भक्ति प्राप्त होती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*एकादशी व्रत-उपवास करने से परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, आदि राजा जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त सुख और ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिव ने नारद से कहा है कि :हे ऋषिवर नारद ! एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । भगवान भोलेनाथ कहते हैं कि:हे पार्वती! एकादशी के दिन व्रत-उपवास और गौ - दान करने तथा गौ-माता को हरा चारा खिलाने और गायों की सेवा करने से अनंत गुना (अक्षय) पुण्यफल की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शान्ति एवं समृद्धि का लाभ प्राप्त होता है।*
*एकादशी के दिन क्याकरें*
*एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करने और "ॐनमो भगवते वासुदेवाय"इस द्वादश मंत्र की "11" माला जप करने से मनुष्य को अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होती है और अगर घर में झगड़े एवं कलह होती हों,तो झगड़े शान्त हो जाते हैं और सुख-शान्ति प्राप्त होती है।*
*एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करने और "ॐनमो भगवते वासुदेवाय"इस द्वादश मंत्र की "11" माला जप करने से मनुष्य को अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होती है और अगर घर में झगड़े एवं कलह होती हों,तो झगड़े शान्त हो जाते हैं और सुख-शान्ति प्राप्त होती है।*
*एकादशी के दिन ये सावधानी रहे*
*महिने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति यदि एकादशी व्रत न रख सके तो भी उनको चावल का तो त्याग करना ही चाहिए ,क्योंकि श्री मद्भागवत के अनुसार:--- एकादशी के दिन जो मनुष्य चावल खाता है , उसको एक एक चावल का दाना - एक एक कीड़ा खाने के जैसा पाप लगता है।*
*एकादशी व्रत के नियम*
*विशेष:--प्रत्येक एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है*।
*महिने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति यदि एकादशी व्रत न रख सके तो भी उनको चावल का तो त्याग करना ही चाहिए ,क्योंकि श्री मद्भागवत के अनुसार:--- एकादशी के दिन जो मनुष्य चावल खाता है , उसको एक एक चावल का दाना - एक एक कीड़ा खाने के जैसा पाप लगता है।*
*एकादशी व्रत के नियम*
*विशेष:--प्रत्येक एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है*।
*राम रामेति रामेति , रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्त्र नाम त तुल्यं, राम नाम वरानने ।।*
*अर्थात- आज एकादशी के दिन इस मंत्र के जप से श्री विष्णु सहस्रनाम के पाठ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है l*
*एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
*एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
*जो मनुष्य दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके बड़े से बड़े पाप नष्ट हो जाते हैं*।
*सहस्त्र नाम त तुल्यं, राम नाम वरानने ।।*
*अर्थात- आज एकादशी के दिन इस मंत्र के जप से श्री विष्णु सहस्रनाम के पाठ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है l*
*एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
*एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
*जो मनुष्य दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके बड़े से बड़े पाप नष्ट हो जाते हैं*।
*सबका भला-सबका मंगल*