शनिवार, 22 जुलाई 2017

श्री हनुमान चालीसा



श्री हनुमान चालीसा


तुलसीदास जी अपने गुरु को नमन करते हुए उनके चरण कमलों की धूल से अपने मन रुपी दर्पण को निर्मल करते हैं। वे कहते हैं कि श्रीराम के बिमल जस यानि दोष रहित यश का वर्णन करता हूं, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रुपी चार फल प्रदान करने वाला है। स्वयं को बुद्धिहीन जानकर अर्थात पूरे समर्पण के साथ पवन-पुत्र श्री हनुमान का स्मरण करता हूं। हे महावीर मुझे बल, बुद्धि और बिद्या प्रदान करें व सारे कष्ट, रोग, विकार हर लें। कुल मिलाकर दोहे के माध्यम से संदेश मिलता है कि हनुमान चालीसा के पाठ से पहले अपने मन का पवित्र होना जरुरी है। अपने गुरु, माता-पिता, भगवान को याद करने से मन स्वच्छ हो जाता है। फिर भगवान राम की महिमा का वर्णन करना भी काफी फलदायक होता है। फिर अपने को रामदूत हनुमान को समर्पित करें, श्री हनुमान की कृपा से आपको बल, बुद्धि और विद्या मिलेगी व साथ ही सारे पाप और कष्टों से भी बजरंग बलि मुक्ति दिलाएंगें।




आप विद्वान हैं, गुणी हैं और  अत्यंत बुद्धिमान भी हैं, भगवान श्रीराम के कार्यों को करने के लिए हमेशा आतुर रहते हैं, आप श्रीराम कथा सुनने के रसिक हैं व भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण आपके हृद्य में बसे हैं। (प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया इसी पंक्ति के आधार पर कहा जाता है कि आज भी कहीं पर रामकथा का आयोजन हो रहा होता है तो श्री हनुमान किसी न किसी रुप में वहां मौजूद रहते हैं व रामकथा सुनते हैं।)




















Please पोस्ट करें



 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Positive Thoughts, The Law of attraction quotes, The Secret Quotes, 48 Laws of Power in Hindi, health is wealth, Motivational and Positive Ideas, Positive Ideas, Positive Thoughts, G.K. Que. , imp GK , gazab post in hindi, hindi me, hindi me sab kuch, जी० के० प्रश्न , गज़ब रोचक तथ्य हिंदी में, सामान्य ज्ञान, रोचक फैक्ट्स