सोमवार, 9 दिसंबर 2019

*सर्व देवता गायत्री मंत्र* किस दिन किस का तिलक लगाये , तिलक लगाने के लाभ

* सर्व देवता गायत्री मंत्र * 

* तिलक लगाने के लाभ 


*गणेश -* ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि । तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।


*शिव -* ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्रा: प्रचोदयात् ।


*गौरी -* ॐ सुभगायै - विद्महे काममालिन्यै धीमहि । तन्नो गौरी प्रचोदयात् ।


*विष्णु -* ॐ नारायणाय - विद्महे वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।


*तुलसी -* ॐ तुलसीपत्रायै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि । तन्नो वृंदा प्रचोदयात् ।


*शंख -* ॐ पांचजन्याय विद्महे पावमानाय धीमहि । तन्नो शंख: प्रचोदयात् ।


*गरुड -* ॐ वैनतेयाय विद्महे स्वर्णपक्षाय धीमहि । तन्नो गरुड: प्रचोदयात् ।


*देवी -* ॐ देव्यै ब्रम्हाण्यै विद्महे महाशक्तयै च धीमहि । तन्नो देवी प्रचोदयात् ।


*लक्ष्मी -* ॐ महालक्ष्मीच विद्महे विष्णुपत्नीचधीमहि - धीमहि । तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् ।


*नृसिंह -* ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि । तन्नो नृसिंह: प्रचोदयात् ।


*सूर्य -* ॐ भास्काराय विद्महे महत्द्युतिकराय धीमहि । तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ।


*राम -* ॐ दाशरथाय विद्महे सीतावराय धीमहि । तन्नो राम: प्रचोदयात् ।


*लक्ष्मण -* ॐ दाशरथाय विद्महे उर्मिलेशाय धीमहि । तन्नो लक्ष्मण: प्रचोदयात् ।


*हनुमान -* ॐ अंजनीजाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि । तन्नो वीर: प्रचोदयात् ।


*कृष्ण -* ॐ देवकीनंदनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि । तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात् ।


*गोपाल -* ॐ गोपीप्रियया विद्महे वासुदेवाय - धीमहि । तन्नो गोप: प्रचोदयात् ।


*दत्त -* ॐ दिगम्बराय विद्महे अवधूताय धीमहि । तन्नो दत्त: प्रचोदयात् ।


*गुरु -* ॐ जलबिंबाय विद्महे नीलपुरुषाय धीमहि । तन्नोऽम्बु प्रचोदयात् ।


*अग्नि -* ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निमयाय धीमहि । तन्नोऽग्नि: प्रचोदयात् ।


*चन्द्र -* ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो्श्चन्द्र: प्रचोदयात् ।


*गंगा -* ॐ भागीरथ्यैच विद्महे विष्णुपद्यै च - धीमहि । तन्नो गंगा प्रचोदयात् ।


*हंस -* ॐ परमहंसाय विद्महे धीमहि महत्तत्वाय धीमहि । तन्नो हंस प्रचोदयात् ।


*॥ यो देव सवितास्माकं मन: प्राणेन्द्रियक्रिया: । प्रचोदयति तद्भर्ग: वरेण्यं समुपास्महे ॥*


*त्रिपुंड और तिलक किसे कहते है तथा किस दिन किस का तिलक लगये और इस में कौन कौन देवता निवास करते है !!〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ज्योतिष के अनुसार यदि तिलक धारण किया जाता है तो सभी पाप नष्ट हो जाते है सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव और अन्य मतों के अलग-अलग तिलक होते हैं। 


ललाट अर्थात माथे पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाई जाती हैं उसे त्रिपुंड कहते हैं। भस्म या चंदन को हाथों की बीच की तीन अंगुलियों से लेकर सावधानीपूर्वक माथे पर तीन तिरछी रेखाओं जैसा आकार दिया जाता है। 
शैव संप्रदाय के लोग इसे धारण करते हैं। शिवमहापुराण के अनुसार त्रिपुंड की तीन रेखाओं में से हर एक में नौ-नौ देवता निवास करते हैं।
त्रिपुंड के देवताओ के नाम इस प्रकार हैं-〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️1- अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:स्वन तथा महादेव- ये त्रिपुंड की पहली रेखा के नौ देवता हैं।
2- ऊंकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा और महेश्वर- ये त्रिपुंड की दूसरी रेखा के नौ देवता हैं।
3- मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव- ये त्रिपुंड की तीसरी रेखा के नौ देवता हैं।
त्रिपुंड का मंत्र-ॐ त्रिलोकिनाथाय नम:


तिलक के प्रकार :
〰️〰️〰️〰️〰️तिलक कई प्रकार के होते हैं - मृतिका, भस्म, चंदन, रोली, सिंदूर, गोपी आदि। 


सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव और अन्य मतों के अलग-अलग तिलक होते हैं। 


चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है, व्यक्ति संकटों से बचता है, उस पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है, ज्ञानतंतु संयमित व सक्रिय रहते हैं।


चन्दन के प्रकार👉  हरि चंदन, गोपी चंदन, सफेद चंदन, लाल चंदन, गोमती और गोकुल चंदन।


तिलक लगाने के लाभ
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1👉 तिलक करने से व्यक्त‍ित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्त‍ि के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है.


2👉 ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.


3👉 दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है.


4👉 इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है.


5👉 हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्र‍ियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.


6👉 धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.


7👉 माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।


किस दिन किस का तिलक लगाये :〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️यदि वार अनुसार तिलक धारण किया जाए तो उक्त वार से संबंधित ग्रहों को शुभ फल देने वाला बनाया जा सकता है।


सोमवार 👉 सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन होता है तथा इस वार का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काबू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं।


मंगलवार 👉  मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। इस दिन का स्वामी ग्रह मंगल है। मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर का तिलक लगाने से ऊर्जा और कार्यक्षमता में विकास होता है। इससे मन की उदासी और निराशा हट जाती है और दिन शुभ बनता है।

बुधवार 👉  बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी है।इस दिन का ग्रह स्वामी है बुध ग्रह। इस दिन सूखे सिंदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है।


गुरुवार 👉  गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु हैं। इस दिन के खास देवता हैं ब्रह्मा। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह।गुरु को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग प्रिय है। इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। हल्दी या गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार तथा अच्छे भावों का उद्भव होगा जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा।

 
शुक्रवार 👉 शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मीजी का रहता है। इस दिन का ग्रह स्वामी शुक्र ग्रह है।हालांकि इस ग्रह को दैत्यराज भी कहा जाता है। दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य थे। इस दिन लाल चंदन लगाने से जहां तनाव दूर रहता है वहीं इससे भौतिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। इस दिन सिंदूर भी लगा सकते हैं।


शनिवार 👉  शनिवार को भैरव, शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है शनि ग्रह। शनिवार के दिन विभूत, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए जिससे भैरव महाराज प्रसन्न रहते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने देते। दिन शुभ रहता है।


रविवार 👉  रविवार का दिन भगवान विष्णु और सूर्य का दिन रहता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है सूर्य ग्रह जो ग्रहों के राजा हैं। इस दिन लाल चंदन या हरि चंदन लगाएं। भगवान विष्णु की कृपा रहने से जहां मान-सम्मान बढ़ता है वहीं निर्भयता आती है।


तिलक लगाने का मन्त्र 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ..


किस दिन कौन से रंग का तिलक दिलाता है सफलता types of tilak on forehead for get success in life

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