शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

Very #Rare & NICE #collection #शानदार बात, ##Spiritual_Motivation 12 Golden Coins (जीवन सूत्र) - DS-89 | Sant Shree Indradevji Maharaj

Very  rare & NICE collection.....


.         पैर  की  मोच
                और
           छोटी   सोच ,
             हमें   आगे
         बढ़ने   नहीं   देती ।


😔😔😔😔😔😔


          टूटी   कलम
                  और
         औरो   से   जलन ,
         खुद   का   भाग्य
         लिखने   नहीं   देती ।


😔😔😔😔😔😔

           काम   का   आलस
                   और
           पैसो   का   लालच ,
                हमें   महान
           बनने   नहीं   देता ।

😔😔😔😔😔😔😔😔


👌दुनिया   में   सब   चीज
            मिल   जाती   है,......
      केवल   अपनी   गलती
            नहीं   मिलती..

😔😔😔😔😔😔😔😔


" जितनी   भीड़ ,
     बढ़   रही
       ज़माने   में........।
         लोग   उतनें   ही ,
           अकेले   होते
             जा   रहे   हैं......।।।

😔😔😔😔😔😔😔😔


इस   दुनिया   के
   लोग   भी   कितने
      अजीब   है   ना ;

          सारे   खिलौने
             छोड़   कर
                जज़बातों   से
                   खेलते   हैं........

😔😔😔😔😔😔😔😔

किनारे   पर   तैरने   वाली
   लाश   को   देखकर
      ये   समझ   आया........
         बोझ   शरीर   का  नहीं
            साँसों   का   था......

😔😔😔😔😔😔
    
 "सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए

और

जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

👌👌👌👌👌😇😇

तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,

संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

👌👌👌👌😇😇

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नहीं यारों,

यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नहीं जायेगा!

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....

जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...

👌👌👌👌👌👌👌

पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;
             
लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नहीं ले जा सकता......

👌👌👌👌👌👌👌👌

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....

पर रोटी की साईज़ लगभग  सब घर में एक जैसी ही होती है।


  :👌 शानदार बात👌


इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,

और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...
                    
‬👌👌👌👌👌😇😇

कर्मो' से ही पहचान होती है इंसानो की...

महँगे 'कपड़े' तो,'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..
[13/08, 5:34 PM] 🇮🇳 एक भारत श्रेष्ठ भारत 🇮🇳: 

 
महाभारत का "नव सार सूत्र" सबके जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा...
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(1) "संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे" = कौरव

(2) "आप भले ही कितने बलवानहो,लेकिनअधर्म के साथ हो,तोआपकीविद्या,अस्त्र,शस्त्र,शक्तिऔर वरदान,सब निष्फल हो जायेगा।" =कर्ण

(3) "संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो, कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर, सर्वनाश को आमंत्रित करे" =  अश्वत्थामा

(4) "कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको,अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े," = भीष्म पितामह

(5) "संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ, अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है" =  दुर्योधन

(6) "अंध व्यक्ति - अर्थात मुद्रा,मदिरा,अज्ञान,मोह और काम (मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी, विनाश की ओर ले जाती है।" = धृतराष्ट्र

(7) "व्यक्ति के पास विद्या  विवेक से बँधी हो, तो विजय अवश्य मिलती है।" = अर्जुन

(8) "हर कार्य में छल, कपट व प्रपंच रच कर, आप हमेशा सफल नहीं हो सकते।" = शकुनि

(9) "यदि आप नीति, धर्म व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती।" = युधिष्ठिर

रीति,नीति,विद्या,विनय,ये द्वार सुमति के चार।
इनको  पाता  है  वही, जिसका  हृदय  उदार।।

*➡️यदि इन 09 सूत्रों से सबक ले पाना सम्भव नहीं होता है, तो महाभारत संभव हो जाता है...!

🌻🌹🍁🌻🌹🌻
[25/07, 8:49 PM] 🇮🇳 एक भारत श्रेष्ठ भारत 🇮🇳: धन और ध्यान ।
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ओशो ने कहा है, की पश्चिम का विज्ञान ( Science) और पूर्व का ज्ञान ( wisdom ) दोनों मिलाके ही कोई व्यक्ति प्रबुद्ध ( Enlighten ) बन सकता है, विज्ञान से धन आयेगा ओर ज्ञान से ध्यान आयेगा...
💸
ओशो कहते है , जोरबा ध बुद्धा,,..जोरबा यानी पैसा और बुद्धा यानी ज्ञान...दोनो चाहिए, तो ही बात बनती है...
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फिर बुद्ध ने भी कहा है, जो बचपन में ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करते, जवानी में धन नहीं कमाते, और आधेड उम्मर में ध्यान नहीं करते, उसका वृधत्व  ( old age )  चिंता को प्राप्त होता है...उसका सब बेकार गया...
💵
....धन और ध्यान दोनों चाहिए ।  अगर धन होगा तो ध्यान करनेकी सुविधा होगी , और ध्यान होगा तो धन का सद-उपियोग करने की समज बनेगी.
💵
 लेकिन जिसके पास सिर्फ कोई भी एक ही चीज होगी , वह दुःख में गिरेगा ।  अगर अकेला ध्यान होगा , वह निश्चित रूप से फस्ट्रेसन में फसेगा । और अकेला धन होगा , वह चिंता में फसेगा । इसीलिए, ओशो ,  बार बार समजाते है की, बाजार से भागना मत , कुछ भी छोडना मत । भगोड़ा मत बनाना...
💵
ओशो तो वहाँ , तक कहेते है की, संसार और बाजार तो साधक के लिए रो-मटेरिअल ( Rawmaterial ) है । संसार में ही परीक्षा होगी, यहां ही मान अपमान होगा । जब पैसा कमाने के लिए जाएंगे, तभी लोगो का असली सामना होगा । होश भी रखना पड़ेगा ,और सच्चा जूठा सुन ना भी पड़ेगा ।
😳
 ओशो कहेते है की, “ मंदीर का प्राण बाजार में है, और मंदीर में जो दिया जलता है उसका घी भी बाजार से आता है, लेकिन बाजार का प्राण मंदीर से नहीं आता है । बीना मंदीर का भी बाजार हो सकता है...जैसे रुष में या चायना में मंदीर खो गए , लेकिन बाजार है.”... तो ओशो हमें सच में समजाते है , की पहेले धन बाद में ध्यान...  
💵
मे १९६६ ( 1966 )से ओशो के साथ  हूँ. मेरे साथ के काफी सन्यासिन ने ये गलती की है, उन्होंने सब छोड़ दिया था, अभी वे डिप्रेसन में जीते है.... धन होगा तो ध्यान करने की सुविधा होगी, और ध्यान होगा तो धन का सद उपियोग करने की समझ होगी ।
💵
 फिर ओशो कहते हैं,  की अगर हम दोनों दुनिया में, बहार की और अंदर की...,  धन और ध्यान में... , अगर आगे न बढे , तो पीछे हठते चले जाते है. अगर हम पैसा कमाना बंध कर  दे , तो हमारा गरीब होना चालु हो जाता है।  अगर हम रोज ध्यान न करे तो , तो ध्यान से चुकते चले जाते है...।
💵
यंहा कोई स्थिर परिस्थीती नहीं बन सकती, क्योंकी, समय, ध्यान  और श्रम हम बैंक में जमा नहीं करा सकते... की चलो आज नहीं तो कल उसका उपियोग करेंगे...
💵
और फिर ओशो कहते हैं की,जिस व्यक्ति में सामान्य जरूरियात जितना  ,  धन कमाने की भी , ऊर्जा नहीं है, वह ध्यान भी कैसे करेगा, क्यूँकी ध्यान के लिए तो , काफी  ऊर्जा  की जरुरत होती है ।  फिर कई लोग दलील करते है, beकी अगर हम पूरा समय धन कमाने में लगा दे तो हम ध्यान कभी करे...? ,
💵
 लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है, ओशो केहेते है कि, अगर में आपको कहू , की आप स्नान भी करो और साथ में खाना भी खाओ तो वैसा आप नहीं कर सकते, लेकिन स्नान करते करते या खाना खाते खाते , आप ध्यान में रह सकते है...वैसे हम धन कमाते कमाते ध्यान में रह सकते है...
💵
और  ओशो केहते  है की , मे आप को बता दू, की बीना धन कमाए धन की वासना से ऊपर उठाना , बड़ा मुश्किल है, क्यूँकी हमारा समाज सिर्फ अमीर को ही सन्मान देते है.
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🌺💐🌹🌻🥀🌸
[16/08, 12:28 AM] 🇮🇳 एक भारत श्रेष्ठ भारत 🇮🇳: [24/07, 5:01 PM] 🇮🇳 एक भारत श्रेष्ठ भारत 🇮🇳: 💃🏿
💃🏿
मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
मुझे हर उस बात पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए जो मुझे बाद में चिंतित करती है।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
जिन्होंने मुझे चोट दी है मुझे उन्हें चोट नहीं देनी चाहिए क्योंकि उसमे मेरी ही   उर्जा व्यय होती   है ।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
शायद सबसे बड़ी समझदारी का लक्षण ये है की, भिड़ के साथ, जाने के बजाय अलग हट जाने में ही मजा  है।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
अपने साथ हुए प्रत्येक बुरे बर्ताव पर प्रतिक्रिया करने में हमारी जो शक्ति और ऊर्जा सब खर्च हो जाती  है,  वह हमको उदास  कर देती है ।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
मैं हर आदमी से वैसा व्यवहार नहीं पा सकूंगी जिसकी मैं अपेक्षा करती हूँ। जो बाद में , मेरे मन को गुस्से से भर जाता हैं ।
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 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
किसी का दिल जीतने के लिए बहुत कठोर प्रयास करना, समय और ऊर्जा की बर्बादी है और यह हमको कुछ नहीं देता, केवल खालीपन से भर देता है। इसलिए जितने की अपेक्षा छोड़ दी है ।
💃🏿
 में धीरे धीरे शिख रही हूं कि...
लोगो को प्रेम में रस नहीं, है, उनको सेक्स में ही रस है । इस लिए ऐसे लोगो से दूरी ही बनाई रखना अच्छा है ।
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 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
जवाब नहीं देने का अर्थ यह कदापि नहीं कि यह सब मुझे स्वीकार्य है, बल्कि यह कि मैं इससे,स्वीकार,अस्वीकार से, ऊपर उठ जाना बेहतर समझती हूँ।
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 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
कभी-कभी कुछ नहीं कहना सब कुछ बोल देता है। इसलिए मैने मौन रहना चालू कर दिया है ।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
किसी परेशान करने वाली बात पर प्रतिक्रिया देकर हम अपनी भावनाओं पर नियंत्रण की शक्ति किसी दूसरे को दे बैठते हैं।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
मैं कोई प्रतिक्रिया दे दूँ तो भी कुछ बदलने वाला नहीं है। इससे लोग अचानक मुझे प्यार और सम्मान नहीं देने लगेंगे। यह उनकी सोच में कोई जादुई बदलाव नहीं ला पायेगा। इसलिए मैने, अब प्रतिक्रिया देना बन्ध कर दिया है ।
💃🏿
 मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ कि...
जिंदगी तब बेहतर हो जाती है जब हम इसे अपने आसपास की घटनाओं पर केंद्रित न करने के बजाय उसपर केंद्रित कर देते हैं,  जो हमारे अंतर्मन में घटित हो रहा है।
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 में धीरे धीरे शिख रही हूं कि...
लोग,  हसने का मतलब गलत समझ ने लगते हैं, जैसे ही कोई पुरुष को स्माइल दिया, वो समझने लगते है, की में उनके प्रेम में हूं । और उसमे से गलत वेहमी बनती हैं, फिर उसमे से दुख उत्पन होता है ।
💃🏿
 में धीरे धीरे शीख रही हूं  कि
फिर हमे चिंतित करने वाली हर छोटी-छोटी बात पर प्रतिक्रिया 'नहीं' देना ओर ओशो  का बताया हुआ, ध्यान करना चालू कर देना है, ध्यान एक स्वस्थ और प्रसन्न जीवन का 'प्रथम अवयव' है ।
💃🏿
मैं धीरे धीरे सीख रही हूं,  की
 बिना ध्यान, ये सब उपर की बात संभालना मुश्किल है, अशक्य है, इस लिए मैं धीरे धीरे ज्यादा ध्यान करने लगी हूं
💃🏿
 में धीरे धीरे शीख रही हूं कि...
ओशो, गुरजिएफ और कृष्णमूर्ति को छोड़ के बाकी सब बाबा बकवास है, । बाकी गुरु को सुनना एक नया फसाना है ।

तरूण सागर  जी के 20 मँत्र
👏1.खुद की कमाई  से कम
          खर्च हो ऐसी जिन्दगी
          बनाओ..!
👏2. दिन  मेँ कम  से कम
           3 लोगो की प्रशंसा करो..!
👏3. खुद की भुल स्वीकारने
           मेँ कभी भी संकोच मत
           करो..!
👏4. किसी  के सपनो पर  हँसो
           मत..!
👏5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
           को भी कभी कभी आगे
           जाने का मौका दो..!
👏6. रोज हो सके तो सुरज को
           उगता हुए देखे..!
👏7. खुब जरुरी हो तभी कोई
          चीज उधार लो..!
👏8. किसी के पास  से  कुछ
           जानना हो तो विवेक  से
           दो बार...पुछो..!
👏9. कर्ज और शत्रु को कभी
           बडा मत होने दो..!
👏10. स्वयं पर पुरा भरोसा
             रखो..!
👏11. प्रार्थना करना कभी
             मत भुलो,प्रार्थना मेँ
             अपार शक्ति होती है..!
👏12. अपने काम  से मतलब
             रखो..!
👏13. समय सबसे ज्यादा
             कीमती है, इसको फालतु
             कामो  मेँ खर्च मत करो..
👏14. जो आपके पास है, उसी
             मेँ खुश रहना सिखो..!
👏15. बुराई कभी भी किसी कि
             भी मत करो,
             क्योकिँ  बुराई नाव  मेँ
             छेद समान  है,बुराई
             छोटी हो बडी नाव तो
             डुबो ही देती  है..!
👏16. हमेशा सकारात्मक सोच
             रखो..!
👏17. हर व्यक्ति एक हुनर
             लेकर  पैदा होता है बस
             उस हुनर को दुनिया के
             सामने लाओ..!
👏18. कोई काम छोटा नही
             होता हर काम बडा होता
             है जैसे कि सोचो जो
             काम आप कर रहे हो
             अगर वह काम
             आप नही करते हो तो
             दुनिया पर क्या असर
             होता..?
👏19. सफलता उनको ही
             मिलती  है जो कुछ
             करते  है
👏20. कुछ पाने के लिए कुछ
             खोना नही बल्कि  कुछ
             करना पडता है....!

आप इस मंत्र को भेजीये, क्यों की   ज्ञ।न बाँटने से बढ़ाता है

खुशवंत सिंह के लिखे ज़िंदगी के दस सूत्र ।
इन दसों सूत्रों को पढ़ने के बाद पता चला कि सचमुच खुशहाल ज़िंदगी और शानदार मौत के लिए ये सूत्र बहुत ज़रूरी हैं।

1. अच्छा स्वास्थ्य - अगर आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं, तो आप कभी खुश नहीं रह सकते। बीमारी छोटी हो या बड़ी, ये आपकी खुशियां छीन लेती हैं।

2. ठीक ठाक बैंक बैलेंस - अच्छी ज़िंदगी जीने के लिए 55 साल तक काम करना चाहिए और बहुत अमीर होना ज़रूरी नहीं। पर इतना पैसा बैंक में हो कि आप आप जब चाहे बाहर खाना खा पाएं, सिनेमा देख पाएं, समंदर और पहाड़ घूमने जा पाएं, तो आप खुश रह सकते हैं। उधारी में जीना आदमी को खुद की निगाहों में गिरा देता है।

3. अपना मकान - मकान चाहे छोटा हो या बड़ा, वो आपका अपना होना चाहिए। अगर उसमें छोटा सा बगीचा हो तो आपकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल हो सकती है।

4. समझदार जीवन साथी - जिनकी ज़िंदगी में समझदार जीवन साथी होते हैं, जो एक-दूसरे को ठीक से समझते हैं, उनकी ज़िंदगी बेहद खुशहाल होती है, वर्ना ज़िंदगी में सबकुछ धरा का धरा रह जाता है, सारी खुशियां काफूर हो जाती हैं। हर वक्त कुढ़ते रहने से बेहतर है अपना अलग रास्ता चुन लेना।

5. दूसरों की उपलब्धियों से न जलना  - कोई आपसे आगे निकल जाए, किसी के पास आपसे ज़्यादा पैसा हो जाए, तो उससे जले नहीं। दूसरों से खुद की तुलना करने से आपकी खुशियां खत्म होने लगती हैं।

6. गप से बचना - लोगों को गपशप के ज़रिए अपने पर हावी मत होने दीजिए। जब तक आप उनसे छुटकारा पाएंगे, आप बहुत थक चुके होंगे और दूसरों की चुगली-निंदा से आपके दिमाग में कहीं न कहीं ज़हर भर चुका होगा।

7. अच्छी आदत - कोई न कोई ऐसी हॉबी विकसित करें, जिसे करने में आपको मज़ा आता हो, मसलन गार्डेनिंग, पढ़ना, लिखना। फालतू बातों में समय बर्बाद करना ज़िंदगी के साथ किया जाने वाला सबसे बड़ा अपराध है। कुछ न कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे आपको खुशी मिले और उसे आप अपनी आदत में शुमार करके नियमित रूप से करें।

8. ध्यान - रोज सुबह कम से कम दस मिनट ध्यान करना चाहिए। ये दस मिनट आपको अपने ऊपर खर्च करने चाहिए। इसी तरह शाम को भी कुछ वक्त अपने साथ गुजारें। इस तरह आप खुद को जान पाएंगे।

9. क्रोध से बचना - कभी अपना गुस्सा ज़ाहिर न करें। जब कभी आपको लगे कि आपका दोस्त आपके साथ तल्ख हो रहा है, तो आप उस वक्त उससे दूर हो जाएं, बजाय इसके कि वहीं उसका हिसाब-किताब करने पर आमदा हो जाएं।

10. अंतिम समय - जब यमराज दस्तक दें, तो बिना किसी दुख, शोक या अफसोस के साथ उनके साथ निकल पड़ना चाहिए अंतिम यात्रा पर, खुशी-खुशी। शोक, मोह के बंधन से मुक्त हो कर जो यहां से निकलता है, उसी का जीवन सफल होता है।

*मुझे नहीं पता कि खुशवंत सिंह ने पीएचडी की थी या नहीं। पर इन्हें पढ़ने के बाद मुझे लगने लगा है कि ज़िंदगी के डॉक्टर भी होते हैं। ऐसे डॉक्टर ज़िंदगी बेहतर बनाने का फॉर्मूला देते हैं । ये ज़िंदगी के डॉक्टर की ओर से ज़िंदगी जीने के लिए दिए गए नुस्खे है।
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