संलग्न चित्रानुसार
सेतुबंधासन का नाम दो शब्दों पर रखा गया है: "सेतु" और "बँध"। सेतु का मतलब होता है पुल और बँध का मतलब बाँधना। इस आसन में आप अपने शरीर को एक सेतु की मुद्रा में बाँध कर या रोक कर रखते हैं, इस लिए नाम रखा गया "सेतुबंधासन"।
सेतुबंधासन के फायदे -
सेतुबंधासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
छाती, गर्दन, और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है।
मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव और हल्के अवसाद को कम करने में मदद करता है
पाचन में सुधार लाता है।
सेतुबंधासन पेट के अंगों, फेफड़ों और थायराइड को उत्तेजित करता है।
टाँगों को फिर से जीवंत बनाता है।
रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है
मासिक धर्म में होने वाली परेशानी से राहत देता है।
सेतुबंधासन अस्थमा (दमा), हाई बीपी, ऑस्टियोपोरोसिस और साइनसाइटिस चिंता, थकान, पीठ दर्द, सिरदर्द, और अनिद्रा कम कर देता है।
सेतुबंधासन करने का तरीका
अपनी पीठ के बल सीधे लेट जायें। अपने बाज़ुओं को धड़ के साथ रख लें।
टाँगों को मोड़ कर पैरों को अपने कूल्हों के करीब ले आयें। जितना करीब हो सके उतना लायें।
हाथों पर वज़न डाल कर धीरे धीरे कूल्हों को उपर उठायें। ऐसा करते वक़्त श्वास अंदर लें।
पैरों को मज़बूती से टिका कर रखें। पीठ जितनी मोडी जाए, उतनी ही मोड़ें। अपनी क्षमता से ज़्यादा ना करें - अभ्यास के साथ धीरे धीरे आप ज़्यादा कर सकते हैं।
अब दोनो हाथों को जोड़ लें।
आपके लिए मुमकिन हो तो दृष्टि नाक पर केंद्रित करें वरना छत की ओर देख सकते हैं।
इस मुद्रा में 5-10 सेकेंड रहें, फिर कूल्हों को वापिस ज़मीन पर टिकायं। नीचे आते वक़्त श्वास छोड़ें। हो सके तो 2 से 3 बार दौहरायें। अगर इतना ना हो तो जितना हो सके उतना करें।
आसान से बाहर निकालने के लिए विपरीत क्रम में स्टेप्स करें।
सेतुबंधासन का आसान रूपांतर -
अगर आपकी पीठ बहुत ही सख़्त है तो पीठ को कम मोड़ें।
अगर आपको अपने कूल्हों को उठाए रखने में परेशानी हो तो कमर के नीचे कुछ सपोर्ट के लिए लगा सकते हैं जैसे कोई छूटा स्टूल या कुर्सी।
सेतुबंधासन हेतु सावधानिया
अगर आपकी पीठ में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें।
अगर आपकी गर्दन में चोट हो तो सेतुबंधासन ना करें।
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
#सेतुबन्धासन : पीठ दर्द से मुक्ति #Sethubandhasan: Relieving #Back Pain
करें योग रहे निरोग : सेतुबन्धासन : पीठ दर्द से मुक्ति दिलाने वाले इस योग के जाने फायदे और कायदे
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
श्री भैरव जी के 108 नाम ऊँ ह्रीं भैरवाय नम: ऊँ ह्रीं भूत- नाथाय नम: ऊँ ह्रीं भूतात्...
-
संस्कृत / हिंदी / सचित्र हनुमान चालीसा * श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनऊं रघुवर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।।...
-
*Common Medical Abbreviations* *Rx* = Treatment *Hx* = History *Dx* = Diagnosis *q* = Every *qd* = Every day *qo...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Positive Thoughts, The Law of attraction quotes, The Secret Quotes, 48 Laws of Power in Hindi, health is wealth, Motivational and Positive Ideas, Positive Ideas, Positive Thoughts, G.K. Que. , imp GK , gazab post in hindi, hindi me, hindi me sab kuch, जी० के० प्रश्न , गज़ब रोचक तथ्य हिंदी में, सामान्य ज्ञान, रोचक फैक्ट्स