गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018

Hindi gramar g .k

•हाथी हाँकने का छोटा भाला— अंकुश
• जो कहा न जा सके— अकथनीय
• जिसे क्षमा न किया जा सके— अक्षम्य
• जिस स्थान पर कोई न जा सके— अगम्य
• जो कभी बूढ़ा न हो— अजर
• जिसका कोई शत्रु न हो— अजातशत्रु
• जो जीता न जा सके— अजेय
• जो दिखाई न पड़े— अदृश्य
• जिसके समान कोई न हो— अद्वितीय
• हृदय की बातेँ जानने वाला— अन्तर्यामी
• पृथ्वी, ग्रहोँ और तारोँ आदि का स्थान— अन्तरिक्ष
• दोपहर बाद का समय— अपराह्न
• जो सामान्य नियम के विरुद्ध हो— अपवाद
• जिस पर मुकदमा चल रहा हो/अपराध करने का आरोप हो/अभियोग लगाया गया हो— अभियुक्त
• जो पहले कभी नहीँ हुआ— अभूतपूर्व
• फेँक कर चलाया जाने वाला हथियार— अस्त्र
• जिसकी गिनती न हो सके— अगणित/अगणनीय
• जो पहले पढ़ा हुआ न हो— अपठित
• जिसके आने की तिथि निश्चित न हो— अतिथि
• कमर के नीचे पहने जाने वाला वस्त्र— अधोवस्त्र
• जिसके बारे मेँ कोई निश्चय न हो— अनिश्चित
• जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो— अनिर्वचनीय
• अत्यधिक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात— अतिशयोक्ति
• सबसे आगे रहने वाला— अग्रणी
• जो पहले जन्मा हो— अग्रज
• जो बाद मेँ जन्मा हो— अनुज
• जो इंद्रियोँ द्वारा न जाना जा सके— अगोचर
• जिसका पता न हो— अज्ञात
• आगे आने वाला— आगामी
• अण्डे से जन्म लेने वाला— अण्डज
• जो छूने योग्य न हो— अछूत
• जो छुआ न गया हो— अछूता
• जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके— अच्युत
• जो अपनी बात से टले नहीँ— अटल
• जिस पुस्तक मेँ आठ अध्याय होँ— अष्टाध्यायी
• आवश्यकता से अधिक बरसात— अतिवृष्टि
• बरसात बिल्कुल न होना— अनावृष्टि
• बहुत कम बरसात होना— अल्पवृष्टि
• इंद्रियोँ की पहुँच से बाहर— अतीन्द्रिय/इंद्रयातीत
• सीमा का अनुचित उल्लंघन— अतिक्रमण
• जो बीत गया हो— अतीत
• जिसकी गहराई का पता न लग सके— अथाह
• आगे का विचार न कर सकने वाला— अदूरदर्शी
• जो आज तक से सम्बन्ध रखता है— अद्यतन
• आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो— अध्यादेश
• जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो— अधिकृत
• वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो— अधिसूचना
• विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम— अधिनियम
• अविवाहित महिला— अनूढ़ा
• वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो— अध्यूढ़ा
• दूसरे की विवाहित स्त्री— अन्योढ़ा
• गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला— अन्तेवासी
• पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन— अधित्यका
• जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित हैँ— अधोहस्ताक्षरकर्त्ता
• एक भाषा के विचारोँ को दूसरी भाषा मेँ व्यक्त करना— अनुवाद
• किसी सम्प्रदाय का समर्थन करने वाला— अनुयायी
• किसी प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया— अनुमोदन
• जिसके माता–पिता न होँ— अनाथ
• जिसका जन्म निम्न वर्ण मेँ हुआ हो— अंत्यज
• परम्परा से चली आई कथा— अनुश्रुति
• जिसका कोई दूसरा उपाय न हो— अनन्योपाय
• वह भाई जो अन्य माता से उत्पन्न हुआ हो— अन्योदर
• पलक को बिना झपकाए— अनिमेष/निर्निमेष
• जो बुलाया न गया हो— अनाहूत
• जो ढका हुआ न हो— अनावृत
• जो दोहराया न गया हो— अनावर्त
• पहले लिखे गए पत्र का स्मरण— अनुस्मारक
• पीछे–पीछे चलने वाला/अनुसरण करने वाला— अनुगामी
• महल का वह भाग जहाँ रानियाँ निवास करती हैँ— अंतःपुर/रनिवास
• जिसे किसी बात का पता न हो— अनभिज्ञ/अज्ञ
• जिसका आदर न किया गया हो— अनादृत
• जिसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो— अन्यमनस्क
• जो धन को व्यर्थ ही खर्च करता हो— अपव्ययी
• आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना— अपरिग्रह
• जो किसी पर अभियोग लगाए— अभियोगी
• जो भोजन रोगी के लिए निषिद्ध है— अपथ्य
• जिस वस्त्र को पहना न गया हो— अप्रहत
• न जोता गया खेत— अप्रहत
• जो बिन माँगे मिल जाए— अयाचित
• जो कम बोलता हो— अल्पभाषी/मितभाषी
• आदेश की अवहेलना— अवज्ञा
• जो बिना वेतन के कार्य करता हो— अवैतनिक
• जो व्यक्ति विदेश मेँ रहता हो— अप्रवासी
• जो सहनशील न हो— असहिष्णु
• जिसका कभी अन्त न हो— अनन्त
• जिसका दमन न किया जा सके— अदम्य
• जिसका स्पर्श करना वर्जित हो— अस्पृश्य
• जिसका विश्वास न किया जा सके— अविश्वस्त
• जो कभी नष्ट न होने वाला हो— अनश्वर
• जो रचना अन्य भाषा की अनुवाद हो— अनूदित
• जिसके पास कुछ न हो अर्थात् दरिद्र— अकिँचन
• जो कभी मरता न हो— अमर
• जो सुना हुआ न हो— अश्रव्य
• जिसको भेदा न जा सके— अभेद्य
• जो साधा न जा सके— असाध्य
• जो चीज इस संसार मेँ न हो— अलौकिक
• जो बाह्य संसार के ज्ञान से अनभिज्ञ हो— अलोकज्ञ
• जिसे लाँघा न जा सके— अलंघनीय
• जिसकी तुलना न हो सके— अतुलनीय
• जिसके आदि (प्रारम्भ) का पता न हो— अनादि
• जिसकी सबसे पहले गणना की जाये— अग्रगण
• सभी जातियोँ से सम्बन्ध रखने वाला— अन्तर्जातीय
• जिसकी कोई उपमा न हो— अनुपम
• जिसका वर्णन न हो सके— अवर्णनीय
• जिसका खंडन न किया जा सके— अखंडनीय
• जिसे जाना न जा सके— अज्ञेय
• जो बहुत गहरा हो— अगाध
• जिसका चिँतन न किया जा सके— अचिँत्य
• जिसको काटा न जा सके— अकाट्य
• जिसको त्यागा न जा सके— अत्याज्य
• वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला मूल्य— अधिमूल्य
• अन्य से संबंध न रखने वाला/किसी एक मेँ ही आस्था रखने वाला— अनन्य
• जो बिना अन्तर के घटित हो— अनन्तर
• जिसका कोई घर (निकेत) न हो— अनिकेत
• कनिष्ठा (सबसे छोटी) और मध्यमा के बीच की उँगली— अनामिका
• मूलकथा मेँ आने वाला प्रसंग, लघु कथा— अंतःकथा
• जिसका निवारण न किया जा सके/जिसे करना आवश्यक हो— अनिवार्य
• जिसका विरोध न हुआ हो या न हो सके— अनिरुद्ध/अविरोधी
• जिसका किसी मेँ लगाव या प्रेम हो— अनुरक्त
• जो अनुग्रह (कृपा) से युक्त हो— अनुगृहीत
• जिस पर आक्रमण न किया गया हो— अनाक्रांत
• जिसका उत्तर न दिया गया हो— अनुत्तरित
• अनुकरण करने योग्य— अनुकरणीय
• जो कभी न आया हो (भविष्य)— अनागत
• जो श्रेष्ठ गुणोँ से युक्त न हो— अनार्य
• जिसकी अपेक्षा हो— अपेक्षित
• जो मापा न जा सके— अपरिमेय
• नीचे की ओर लाना या खीँचना— अपकर्ष
• जो सामने न हो— अप्रत्यक्ष/परोक्ष
• जिसकी आशा न की गई हो— अप्रत्याशित
• जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके— अप्रमेय
• किसी काम के बार–बार करने के अनुभव वाला— अभ्यस्त
• किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा— अभीप्सा
• जो साहित्य कला आदि मेँ रस न ले— अरसिक
• जिसको प्राप्त न किया जा सके
• जो कम जानता हो— अल्पज्ञ
• जो वध करने योग्य न हो— अवध्य
• जो विधि या कानून के विरुद्ध हो— अवैध
• जो भला–बुरा न समझता हो अथवा सोच–समझकर काम न करता हो— अविवेकी
• जिसका विभाजन न किया जा सके— अविभाज्य/अभाज्य
• जिसका विभाजन न किया गया हो— अविभक्त
• जिस पर विचार न किया गया हो— अविचारित
• जो कार्य अवश्य होने वाला हो— अवश्यंभावी
• जिसको व्यवहार मेँ न लाया गया हो— अव्यवहृत
• जो स्त्री सूर्य भी नहीँ देख पाती— असूर्यपश्या
• न हो सकने वाला कार्य आदि— अशक्य
• जो शोक करने योग्य नहीँ हो— अशोक्य
• जो कहने, सुनने, देखने मेँ लज्जापूर्ण, घिनौना हो— अश्लील
• जिस रोग का इलाज न किया जा सके— असाध्य रोग/लाइलाज
• जिससे पार न पाई जा सके— अपार
• बूढ़ा–सा दिखने वाला व्यक्ति— अधेड़
• जिसका कोई मूल्य न हो— अमूल्य
• जो मृत्यु के समीप हो— आसन्नमृत्यु
• किसी बात पर बार–बार जोर देना— आग्रह
• वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो— आगतपतिका
• जिसकी भुजाएँ घुटनोँ तक लम्बी होँ— आजानुबाहु
• मृत्युपर्यन्त— आमरण
• जो अपने ऊपर निर्भर हो— आत्मनिर्भर/स्वावलंबी
• व्यर्थ का प्रदर्शन— आडम्बर
• पूरे जीवन तक— आजीवन
• अपनी हत्या स्वयं करना— आत्महत्या
• अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला— आत्मश्लाघी
• कोई ऐसी वस्तु बनाना जिसको पहले कोई न जानता हो— आविष्कार
• ईश्वर मेँ विश्वास रखने वाला— आस्तिक
• शीघ्र प्रसन्न होने वाला— आशुतोष
• विदेश से देश मेँ माल मँगाना— आयात
• सिर से पाँव तक— आपादमस्तक
• प्रारम्भ से लेकर अंत तक— आद्योपान्त
• अपनी हत्या स्वयं करने वाला— आत्मघाती
• जो अतिथि का सत्कार करता है— आतिथेय/मेजबान
• दूसरे के हित मेँ अपना जीवन त्याग देना— आत्मोत्सर्ग
• जो बहुत क्रूर व्यवहार करता हो— आततायी
• जिसका सम्बन्ध आत्मा से हो— आध्यात्मिक
• जिस पर हमला किया गया हो— आक्रांत
• जिसने हमला किया हो— आक्रांता
• जिसे सूँघा न जा सके— आघ्रेय
• जिसकी कोई आशा न की गई हो— आशातीत
• जो कभी निराश होना न जाने— आशावादी
• किसी नई चीज की खोज करने वाला— आविष्कारक
• जो गुण–दोष का विवेचन करता हो— आलोचक
• जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो— आजन्मपात
• वह कवि जो तत्काल कविता कर सके— आशुकवि
• पवित्र आचरण वाला— आचारपूत
• लेखक द्वारा स्वयं की लिखी गई जीवनी— आत्मकथा
• वह चीज जिसकी चाह हो— इच्छित
• किन्हीँ घटनाओँ का कालक्रम से किया गया वर्णन— इतिवृत्त
• इस लोक से संबंधित— इहलौकिक
• जो इन्द्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो— इंद्रजीत
• माँ–बाप का अकेला लड़का— इकलौता
• जो इन्द्रियोँ से परे हो/जो इन्द्रियोँ के द्वारा ज्ञात न हो— इन्द्रियातीत
• दूसरे की उन्नति से जलना— ईर्ष्या
• उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा— ईशान/ईशान्य
• पर्वत की निचली समतल भूमि— उपत्यका
• दूसरे के खाने से बची वस्तु— उच्छिष्ट
• किसी भी नियम का पालन नहीँ करने वाला— उच्छृंखल
• वह पर्वत जहाँ से सूर्य और चन्द्रमा उदित होते माने जाते हैँ— उदयाचल
• जिसके ऊपर किसी का उपकार हो— उपकृत
• ऐसी जमीन जो अच्छी उत्पादक हो— उर्वरा
• जो छाती के बल चलता हो (साँप आदि)— उरग
• जिसने अपना ऋण पूरा चुका दिया हो— उऋण
• जिसका मन जगत से उचट गया हो— उदासीन
• जिसकी दोनोँ मेँ निष्ठा हो— उभयनिष्ठ
• ऊपर की ओर जाने वाला— उर्ध्वगामी
• नदी के निकलने का स्थान— उद्गम
• किसी वस्तु के निर्माण मेँ सहायक साधन— उपकरण
• जो उपासना के योग्य हो— उपास्य
• मरने के बाद सम्पत्ति का मालिक— उत्तराधिकारी/वारिस
• सूर्योदय की लालिमा— उषा
• जिसका ऊपर कथन किया गया हो— उपर्युक्त
• कुँए के पास का वह जल कुंड जिसमेँ पशु पानी पीते हैँ— उबारा
• छोटी–बड़ी वस्तुओँ को उठा ले जाने वाला— उठाईगिरा
• जिस भूमि मेँ कुछ भी पैदा न होता हो— ऊसर
• सूर्यास्त के समय दिखने वाली लालिमा— ऊषा
• विचारोँ का ऐसा प्रवाह जिससे कोई निष्कर्ष न निकले— ऊहापोह
• कई जगह से मिलाकर इकट्ठा किया हुआ— एकीकृत
• सांसारिक वस्तुओँ को प्राप्त करने की इच्छा— एषणा
• वह स्थिति जो अंतिक निर्णायक हो, निश्चित— एकांतिक
• जो व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर हो— ऐच्छिक
• इंद्रियोँ को भ्रमित करने वाला— ऐँद्रजालिक
• लकड़ी या पत्थर का बना पात्र जिसमेँ अन्न कूटा जाता है— ओखली
• साँप–बिच्छू के जहर या भूत–प्रेत के भय को मंत्रोँ से झाड़ने वाला— ओझा
• जो उपनिषदोँ से संबंधित हो— औपनिषदिक
• जो मात्र शिष्टाचार, व्यावहारिकता के लिए हो— औपचारिक
• विवाहिता पत्नी से उत्पन्न संतान— औरस
• विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम— अधिनियम
• अविवाहित महिला— अनूढ़ा• वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो— अध्यूढ़ा• दूसरे की विवाहित स्त्री— अन्योढ़ा• गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला— अन्तेवासी• पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन— अधित्यका• जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित हैँ— अधोहस्ताक्षरकर्त्ता• एक भाषा के विचारोँ को दूसरी भाषा मेँ व्यक्त करना— अनुवाद• किसी सम्प्रदाय का समर्थन करने वाला— अनुयायी• किसी प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया— अनुमोदन• जिसके माता–पिता न होँ— अनाथ• जिसका जन्म निम्न वर्ण मेँ हुआ हो— अंत्यज• परम्परा से चली आई कथा— अनुश्रुति• जिसका कोई दूसरा उपाय न हो— अनन्योपाय• वह भाई जो अन्य माता से उत्पन्न हुआ हो— अन्योदर• पलक को बिना झपकाए— अनिमेष/निर्निमेष• जो बुलाया न गया हो— अनाहूत• जो ढका हुआ न हो— अनावृत• जो दोहराया न गया हो— अनावर्त• पहले लिखे गए पत्र का स्मरण— अनुस्मारक• पीछे–पीछे चलने वाला/अनुसरण करने वाला— अनुगामी• महल का वह भाग जहाँ रानियाँ निवास करती हैँ— अंतःपुर/रनिवास• जिसे किसी बात का पता न हो— अनभिज्ञ/अज्ञ• जिसका आदर न किया गया हो— अनादृत• जिसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो— अन्यमनस्क• जो धन को व्यर्थ ही खर्च करता हो— अपव्ययी• आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना— अपरिग्रह• जो किसी पर अभियोग लगाए— अभियोगी• जो भोजन रोगी के लिए निषिद्ध है— अपथ्य• जिस वस्त्र को पहना न गया हो— अप्रहत• न जोता गया खेत— अप्रहत• जो बिन माँगे मिल जाए— अयाचित• जो कम बोलता हो— अल्पभाषी/मितभाषी• आदेश की अवहेलना— अवज्ञा• जो बिना वेतन के कार्य करता हो— अवैतनिक• जो व्यक्ति विदेश मेँ रहता हो— अप्रवासी• जो सहनशील न हो— असहिष्णु• जिसका कभी अन्त न हो— अनन्त• जिसका दमन न किया जा सके— अदम्य• जिसका स्पर्श करना वर्जित हो— अस्पृश्य• जिसका विश्वास न किया जा सके— अविश्वस्त• जो कभी नष्ट न होने वाला हो— अनश्वर• जो रचना अन्य भाषा की अनुवाद हो— अनूदित• जिसके पास कुछ न हो अर्थात् दरिद्र— अकिँचन• जो कभी मरता न हो— अमर• जो सुना हुआ न हो— अश्रव्य• जिसको भेदा न जा सके— अभेद्य• जो साधा न जा सके— असाध्य• जो चीज इस संसार मेँ न हो— अलौकिक• जो बाह्य संसार के ज्ञान से अनभिज्ञ हो— अलोकज्ञ• जिसे लाँघा न जा सके— अलंघनीय• जिसकी तुलना न हो सके— अतुलनीय• जिसके आदि (प्रारम्भ) का पता न हो— अनादि• जिसकी सबसे पहले गणना की जाये— अग्रगण• सभी जातियोँ से सम्बन्ध रखने वाला— अन्तर्जातीय• जिसकी कोई उपमा न हो— अनुपम• जिसका वर्णन न हो सके— अवर्णनीय• जिसका खंडन न किया जा सके— अखंडनीय• जिसे जाना न जा सके— अज्ञेय• जो बहुत गहरा हो— अगाध• जिसका चिँतन न किया जा सके— अचिँत्य• जिसको काटा न जा सके— अकाट्य• जिसको त्यागा न जा सके— अत्याज्य• वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला मूल्य— अधिमूल्य• अन्य से संबंध न रखने वाला/किसी एक मेँ ही आस्था रखने वाला— अनन्य• जो बिना अन्तर के घटित हो— अनन्तर• जिसका कोई घर (निकेत) न हो— अनिकेत• कनिष्ठा (सबसे छोटी) और मध्यमा के बीच की उँगली— अनामिका• मूलकथा मेँ आने वाला प्रसंग, लघु कथा— अंतःकथा• जिसका निवारण न किया जा सके/जिसे करना आवश्यक हो— अनिवार्य• जिसका विरोध न हुआ हो या न हो सके— अनिरुद्ध/अविरोधी• जिसका किसी मेँ लगाव या प्रेम हो— अनुरक्त• जो अनुग्रह (कृपा) से युक्त हो— अनुगृहीत• जिस पर आक्रमण न किया गया हो— अनाक्रांत• जिसका उत्तर न दिया गया हो— अनुत्तरित• अनुकरण करने योग्य— अनुकरणीय• जो कभी न आया हो (भविष्य)— अनागत• जो श्रेष्ठ गुणोँ से युक्त न हो— अनार्य• जिसकी अपेक्षा हो— अपेक्षित• जो मापा न जा सके— अपरिमेय• नीचे की ओर लाना या खीँचना— अपकर्ष• जो सामने न हो— अप्रत्यक्ष/परोक्ष• जिसकी आशा न की गई हो— अप्रत्याशित• जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके— अप्रमेय• किसी काम के बार–बार करने के अनुभव वाला— अभ्यस्त• किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा— अभीप्सा• जो साहित्य कला आदि मेँ रस न ले— अरसिक• जिसको प्राप्त न किया जा सके• जो कम जानता हो— अल्पज्ञ• जो वध करने योग्य न हो— अवध्य• जो विधि या कानून के विरुद्ध हो— अवैध• जो भला–बुरा न समझता हो अथवा सोच–समझकर काम न करता हो— अविवेकी• जिसका विभाजन न किया जा सके— अविभाज्य/अभाज्य• जिसका विभाजन न किया गया हो— अविभक्त• जिस पर विचार न किया गया हो— अविचारित• जो कार्य अवश्य होने वाला हो— अवश्यंभावी• जिसको व्यवहार मेँ न लाया गया हो— अव्यवहृत• जो स्त्री सूर्य भी नहीँ देख पाती— असूर्यपश्या• न हो सकने वाला कार्य आदि— अशक्य• जो शोक करने योग्य नहीँ हो— अशोक्य• जो कहने, सुनने, देखने मेँ लज्जापूर्ण, घिनौना हो— अश्लील• जिस रोग का इलाज न किया जा सके— असाध्य रोग/लाइलाज• जिससे पार न पाई जा सके— अपार• बूढ़ा–सा दिखने वाला व्यक्ति— अधेड़• जिसका कोई मूल्य न हो— अमूल्य• जो मृत्यु के समीप हो— आसन्नमृत्यु• किसी बात पर बार–बार जोर देना— आग्रह• वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो— आगतपतिका• जिसकी भुजाएँ घुटनोँ तक लम्बी होँ— आजानुबाहु• मृत्युपर्यन्त— आमरण• जो अपने ऊपर निर्भर हो— आत्मनिर्भर/स्वावलंबी• व्यर्थ का प्रदर्शन— आडम्बर• पूरे जीवन तक— आजीवन• अपनी हत्या स्वयं करना— आत्महत्या• अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाला— आत्मश्लाघी• कोई ऐसी वस्तु बनाना जिसको पहले कोई न जानता हो— आविष्कार• ईश्वर मेँ विश्वास रखने वाला— आस्तिक• शीघ्र प्रसन्न होने वाला— आशुतोष• विदेश से देश मेँ माल मँगाना— आयात• सिर से पाँव तक— आपादमस्तक• प्रारम्भ से लेकर अंत तक— आद्योपान्त• अपनी हत्या स्वयं करने वाला— आत्मघाती• जो अतिथि का सत्कार करता है— आतिथेय/मेजबान• दूसरे के हित मेँ अपना जीवन त्याग देना— आत्मोत्सर्ग• जो बहुत क्रूर व्यवहार करता हो— आततायी• जिसका सम्बन्ध आत्मा से हो— आध्यात्मिक• जिस पर हमला किया गया हो— आक्रांत• जिसने हमला किया हो— आक्रांता• जिसे सूँघा न जा सके— आघ्रेय• जिसकी कोई आशा न की गई हो— आशातीत• जो कभी निराश होना न जाने— आशावादी• किसी नई चीज की खोज करने वाला— आविष्कारक• जो गुण–दोष का विवेचन करता हो— आलोचक• जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो— आजन्मपात• वह कवि जो तत्काल कविता कर सके— आशुकवि• पवित्र आचरण वाला— आचारपूत• लेखक द्वारा स्वयं की लिखी गई जीवनी— आत्मकथा• वह चीज जिसकी चाह हो— इच्छित• किन्हीँ घटनाओँ का कालक्रम से किया गया वर्णन— इतिवृत्त• इस लोक से संबंधित— इहलौकिक• जो इन्द्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो— इंद्रजीत• माँ–बाप का अकेला लड़का— इकलौता• जो इन्द्रियोँ से परे हो/जो इन्द्रियोँ के द्वारा ज्ञात न हो— इन्द्रियातीत• दूसरे की उन्नति से जलना— ईर्ष्या• उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा— ईशान/ईशान्य• पर्वत की निचली समतल भूमि— उपत्यका• दूसरे के खाने से बची वस्तु— उच्छिष्ट• किसी भी नियम का पालन नहीँ करने वाला— उच्छृंखल• वह पर्वत जहाँ से सूर्य और चन्द्रमा उदित होते माने जाते हैँ— उदयाचल• जिसके ऊपर किसी का उपकार हो— उपकृत• ऐसी जमीन जो अच्छी उत्पादक हो— उर्वरा• जो छाती के बल चलता हो (साँप आदि)— उरग• जिसने अपना ऋण पूरा चुका दिया हो— उऋण• जिसका मन जगत से उचट गया हो— उदासीन• जिसकी दोनोँ मेँ निष्ठा हो— उभयनिष्ठ• ऊपर की ओर जाने वाला— उर्ध्वगामी• नदी के निकलने का स्थान— उद्गम• किसी वस्तु के निर्माण मेँ सहायक साधन— उपकरण• जो उपासना के योग्य हो— उपास्य• मरने के बाद सम्पत्ति का मालिक— उत्तराधिकारी/वारिस• सूर्योदय की लालिमा— उषा• जिसका ऊपर कथन किया गया हो— उपर्युक्त• कुँए के पास का वह जल कुंड जिसमेँ पशु पानी पीते हैँ— उबारा• छोटी–बड़ी वस्तुओँ को उठा ले जाने वाला— उठाईगिरा• जिस भूमि मेँ कुछ भी पैदा न होता हो— ऊसर• सूर्यास्त के समय दिखने वाली लालिमा— ऊषा• विचारोँ का ऐसा प्रवाह जिससे कोई निष्कर्ष न निकले— ऊहापोह• कई जगह से मिलाकर इकट्ठा किया हुआ— एकीकृत• सांसारिक वस्तुओँ को प्राप्त करने की इच्छा— एषणा• वह स्थिति जो अंतिक निर्णायक हो, निश्चित— एकांतिक• जो व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर हो— ऐच्छिक• इंद्रियोँ को भ्रमित करने वाला— ऐँद्रजालिक• लकड़ी या पत्थर का बना पात्र जिसमेँ अन्न कूटा जाता है— ओखली• साँप–बिच्छू के जहर या भूत–प्रेत के भय को मंत्रोँ से झाड़ने वाला— ओझा• जो उपनिषदोँ से संबंधित हो— औपनिषदिक• जो मात्र शिष्टाचार, व्यावहारिकता के लिए हो— औपचारिक• विवाहिता पत्नी से उत्पन्न संतान— औरस

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