मंगलवार, 20 मार्च 2018

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून ( Indian Yoga )


Surya asan

         योग करने के लिए जरुरी होता है कि आप एक निश्चित समय चुन लें और रोज़ाना उसी समय योग करें। आप सुबह जल्दी उठकर, दोपहर में भोजन खाने से पहले या फिर शाम में योग कर सकते हैं। आमतौर पर सुबह के समय योग करना बहुत ही अच्छा माना जाता है, क्योंकि उस समय आप और आपके आसपास का वातावरण शांत होता है और सुबह के समय आपकी ऊर्जा-शक्ति भी ज्यादा होती है। इसलिए, सुबह योग करने से पुरे दिन वैसी ही ऊर्जा बनी रहती है और आपको दिनभर सक्रिय रखती है।
           अगर आपका खुद का घर में अलग से कमरा है तो आप वह योग कर सकते हैं और अगर ऐसा नहीं है, तो आप अपने घर का कोई भी साफ़ और शांत स्थान चुन लें, जहां आप पर्याप्त जगह हो और आप वहां अपनी योग-चटाई बिछा कर योग कर सके। याद रहे कि वह स्थान हवादार हो और स्वच्छ हो। ध्यान रखें कि कभी भी योग फर्श या ज़मीन पर करें। हमेशा चटाई या स्वच्छ कपडे को ज़मीन पर बिछा कर उस पर बैठ कर योग करें। अगर आप योग सुबह करते हैं तो चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ रखे और शाम को योग करते समय पश्चिम या दक्षिण दिशा की तरफ चेहरा करके योग करें।
         
योग हमेशा अकेले या किसी शांत स्थान पर करें। ध्यान रहे कि योग करते समय किसी से बात-चीत करें और फ़ोन या मोबाइल को अपने साथ रखे। इससे ध्यान भ्रष्ट होता है और आप एकाग्रता से योग नहीं कर पाते है
         कभी भी योग-आसन खाने के बाद तुरंत बाद करें। ऐसा करना बहुत ही नुकसान-दायक साबित हो सकता है। योग सुबह खाली पेट करें। अगर सुबह आपके पास समय नहीं होता है योग करने का, तो दिन में आप खाना खाने के 2 से 3 घंटे बाद योग कर सकते हैं। वज्रासन ही एक ऐसा आसन है, जिसे खाना खाने के तुरंत बाद करना चाहिए, क्योंकि यह आसन आपके पाचन तंत्र को व्यवस्थित रखने में मदद करता है।
          महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान योग नहीं करना चाहिए, क्यूंकि इस अवधि में गर्भाशय गुहा खुला रहता है और रक्त-स्त्राव की प्रक्रिया जारी रहती है। अतः इस दौरान योग करने से रक्त-स्त्राव संबंधी गम्भीर समस्याएं हो सकती हैं।इसके अलावा, अगर कोई महिला गर्भवती है, उसे गर्भावस्था के दौरान योग नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के 3 महीने बाद योग के कुछ सरल आसन किये जा सकते हैं। लेकिन, ऐसी स्थिति में योग करने से पहले योग-प्रशिक्षक से जरूर परामर्श लें।
जब लोग पहले बार योग सीखते हैं, तो अक्सर उनके मन में यह ख्याल आता है कि अगर मैं जल्दी जल्दी योग करूंगा तो उतना ही जल्दी मुझे इसका फायदा मिलेगा। यह एक गलत सोच है। व्यक्ति को योग करते समय संयम और धीरज रखना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की क्षमता अलग अलग होती है, और उसके ही हिसाब से वह योग कर पाता है। इसलिए अगर संयम के साथ आप योग सीखेंगे और करेंगे, तो आपको और भी नई तरह की योग- मुद्राएं सीखने को मिलेंगी, जिससे आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।


श्वास योग का उतना ही महत्वपूर्ण घटक है जितना कि योग के आसन। श्वास की प्रक्रिया को नियंत्रित किये बिना के योग-आसन करना अधूरा है। योग-आसन करते समय कभी भी मुंह से श्वास ना लें। मुंह से श्वास लेना बहुत ही हानिकारक हो सकता है। इसलिए हमेशा योग करते समय श्वास नाक के माध्यम से ही लें। योग-प्रशिक्षक से जानकारी लेकर योग-आसन करते समय नियम के अनुसार ही श्वास लेते और छोड़ते रहें। ध्यान रहे, योग-आसन करते समय कभी भी श्वास  की प्रक्रिया को ना रोकें।
Vakra Asan


Yoga in Vkra Asan



yoga in padma asan


yoga in trikon asan



Yoga in Bhadra asan



yoga in utsra asan



Yoga in Pavan Mukta Asan

Yoga in Salbha asan



Yoga In Vrksha asan



Yoga in Vajra Asan



Yoga in Tada Asan



Yoga in Adhchakra Asan



Indian Yoga




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