अत्यधिक महँगे रत्नोँ के स्थान पर आप कुछ वनस्पतियोँ की जड़ धारण कर वैसा ही लाभ उठा सकते हैँ:-
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ये वनस्पतियाँ हजारोँ रूपयोँ के रत्नोँ की जगह मात्र 5 से 10 रूपये मेँ आप किसी पँसारी से खरीद सकते हैँ या यदि आप स्वयँ इन्हेँ पहचानते हैँ तो विधिपूर्वक इन्हे पेड़ से ले आयेँ।
रत्न वनस्पति जड़ी को धारण करने से पूर्व उसे पहले गंगाजल अथवा कच्चे दूध से स्नान करायें.उसके बाद एक लकड़ी के बाजोट पर जिस रंग का रत्न हो,
उसी रंग के कपडे का टुकडा एक प्लेट में बिछाकर रत्न को उस पर स्थापित करें.
शुद्ध घी का दीपक व धूप जलाकर रत्न के स्वामी ग्रह के मन्त्र का अधिकाधिक यथासंभव संख्या में या कम से कम 108 जप करने के बाद उस रत्न को उसी वस्त्र मेँ सिलकर तथा उसी रँग के धागे मेँ पिरोकर ताबीज़ के रूप मेँ गले या भुजा पर धारण करें।
सम्बन्धित रत्न का अधिष्ठाता ग्रह, रत्न वनस्पती जड़ी, रँग, उसका मन्त्र तथा उसे धारण करने के दिन तथा समय -
1. ग्रह- सूर्य
रत्न- माणिक्य,
वनस्पति- बिल्व/ बेल की जड़ ,
वस्त्र का रँग लाल,
रविवार,
पूजन व धारण समय - प्रातःकाल,
बीजमँत्र- ॐ ह्राँ ह्रीँ ह्रौँ सः सूर्याय नम:।
2. ग्रह चँद्र
रत्न - मोती,
वनस्पति - सफ़ेद खिरनी जी जड़,
सोमवार या पूर्णिमा ( रात्रि ) ,
प्रातःकाल,
सफ़ेद वस्त्र ,
मंत्र - ॐ श्राँ श्रीँ श्रौँ सः चँद्रमसे नम:।
3. ग्रह मंगल
रत्न - मूँगा,
वनस्पति - अनँतमूल या नागफनी की जड़ ,
लाल या केसरिया वस्त्र ,
मँगलवार,
प्रातःकाल,
मंत्र - ॐ क्राँ क्रीँ क्रौँ सः भौमाय नम:।
4. ग्रह बुध
रत्न - पन्ना,
वनस्पति - विधारा की जड़ ,
हरा वस्त्र ,
बुधवार,
प्रातःकाल,
मंत्र - ॐ ब्राँ ब्रीँ ब्रौँ सः बुधाय नम:।
5. ग्रह बृहस्पति
रत्न - पुखराज,
वनस्पति - केले की जड़ ,
गुरूवार,
पीलावस्त्र ,
प्रातःकाल,
मंत्र - ॐ ग्राँ ग्रीँ ग्रौँ सः गुरुवे नम:।
6. ग्रह शुक्र
रत्न - हीरा,
वनस्पति - मजीठ या ऐरँड की जड़ ,
शुक्रवार,
चाँदी जैसा या सफेद वस्त्र ,
प्रातःकाल,
मंत्र - ॐ द्राँ द्रीँ द्रौँ सः शुक्राय नम:।
रत्न - हीरा,
वनस्पति - मजीठ या ऐरँड की जड़ ,
शुक्रवार,
चाँदी जैसा या सफेद वस्त्र ,
प्रातःकाल,
मंत्र - ॐ द्राँ द्रीँ द्रौँ सः शुक्राय नम:।
7. ग्रह शनि
रत्न - नीलम,
वनस्पति - धतूराकी जड़ या बिच्छूघास,
शनिवार,
नीला वस्त्र ,
सायँकाल,
मंत्र - ॐ प्राँ प्रीँ प्रौँ सः शनैश्चराय नमः।
रत्न - नीलम,
वनस्पति - धतूराकी जड़ या बिच्छूघास,
शनिवार,
नीला वस्त्र ,
सायँकाल,
मंत्र - ॐ प्राँ प्रीँ प्रौँ सः शनैश्चराय नमः।
8. ग्रह राहु
रत्न - गोमेद,
वनस्पति - सफेद चँदन या अश्वगँधा,
भूरा वस्त्र ,
गुरूवार,
सायँकाल,
मंत्र - ॐ भ्राँ भ्रीँ भ्रौँ सः राहुवे नम:।
रत्न - गोमेद,
वनस्पति - सफेद चँदन या अश्वगँधा,
भूरा वस्त्र ,
गुरूवार,
सायँकाल,
मंत्र - ॐ भ्राँ भ्रीँ भ्रौँ सः राहुवे नम:।
9. ग्रह केतु
रत्न - लहसुनिया,
वनस्पति - कुश या बरगद की जड़ ,
सलेटी वस्त्र ,
गुरुवार,
सायँकाल,
मंत्र - ॐ स्त्राँ स्त्रीँ स्त्रौँ सः केतवे नम:।
ऊॅ हौं जूं सः। ऊॅ भूः भुवः स्वः ऊॅ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मधुकर / किरण / एवं शिवंशी उर्फ बाटू को रक्षय- रक्षय - पालय-पालय ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।
ॐ ह्रीं ह्रीं वं वं ऐं ऐं मृतसंजीवनि विद्ये मृतमुत्थापयोत्थापय क्रीं ह्रीं ह्रीं वं स्वाहा।
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